किसान आंदोलन से जुड़े संगठनों और नेताओं के खिलाफ हरियाणा पुलिस ने एक्शन में आ गई है. पुलिस ने राज्य की सीमाओं पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल किसान नेताओं के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है. पुलिस द्वारा दिए गए बयान में कहा गया है कि आपराधिक गतिविधियां रोकने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा ये कार्रवाई अमल में लाई जा रही है.
गुरुवार को अंबाला पुलिस ने बताया कि 13 फरवरी से ‘दिल्ली चलो’ मार्च को लेकर शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ने के लिए प्रदर्शनकारियों द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. प्रदर्शनकारी इस दौरान अधिकारियों और पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी और हुड़दंग करके कानून व्यवस्था बिगाड़ने का कोशश कर रहे हैं. इस कड़ी में उपद्रवियों द्वारा सरकारी और प्राइवेट संपत्ति को बहुत नुकसान पहुंचाया जा चुका है. पुलिस ने बताया कि आंदोलन के दौरान करीब 30 पुलिसकर्मियों को चोटें लग, एक कर्मचारी का ब्रैन हैमरेज और दो पुलिसकर्मी की मौत हो गई.
पुलिस ने अपने बयान में कहा, “इस आंदोलन में कई किसान नेता सक्रिय भूमिका में हैं और कानून व्यवस्था को शिन्न-भीन्न करने का काम कर रहे हैं. किसान लगातार सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, वाट्सएप, इंस्टाग्राम और टेलीग्राम के जरिए भड़काऊ और उकसाने वाले भाषण देकर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. तो वहीं प्रशासनिक अधिकारियों, सरकार के खिलाफ गलत शब्दों का प्रयोग किया जा रहा है. इस आंदोलन की आड़ में उपद्रवियों द्वारा भयंकर उत्पात भी मचाया जा रहा है.”
पुलिस के अनुसार आपराधिक गतिविधियों को रोकने और कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम 1980 की धारा 2 (3) के तहत किसान संगठनों के पदाधिकारियों को नजरबंद करने की कार्रवाई की जा रही है ताकि आंदोलन के दौरान कानून व्यवस्था बनाए रखा जा सके और सामाजिक सौहार्द बिगड़ने से रोका जा सके.”
इसके अलावा पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि आंदोलन के दौरान उपद्रवियों द्वारा सरकारी और निजी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचाया गया है. आंदोलनकारियों द्वारा सरकारी और निजी संपत्ति को पहुंचाए गई हानी का आकलन किया जा रहा है. प्रशासन ने इस मामले में आम जनता को पहले ही सतर्क कर दिया था कि यदि इस आंदोलन के दौरान आंदोलनकारियों ने सरकारी और निजी संपत्ति को हानी पहुंचाया तो उनकी संपत्ति और बैंक खाते जब्त कर इस नुकसान की भरपाई की जाएगी. इसको लेकर पुलिस ने कहा कि यदि किसी आम आदमी को इस आंदोलन के दौरान उसकी संपत्ति का कोई नुकसान हुआ है, तो वह प्रशासन को इसकी जानकारी दे सकता है.
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