असम सरकार ने मुस्लिम मैरिज एक्ट को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है. मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा सरमा ने शुक्रवार (23 फरवरी) को हुई कैबिनेट की बैठक में मुस्लिम विवाह और तलाक अधिनियम-1935 को खत्म करने का फैसला लिया है. इसका मतलब ये है कि सभी शादियां स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत की जाएंगी. सीएम हिमंता बिस्वा सरमा ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि असम कैबिनेट ने सदियों पुराने असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम को खत्म करने का एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है. इस अधिनियम के तहत विवाह पंजीकरण की अनुमति देने वाले प्रावधान शामिल है. यह महत्वपूर्ण कदम असम में बाल विवाह को खत्म करने के लिए है.
On 23.22024, the Assam cabinet made a significant decision to repeal the age-old Assam Muslim Marriages & Divorces Registration Act. This act contained provisions allowing marriage registration even if the bride and groom had not reached the legal ages of 18 and 21, as required…
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) February 23, 2024
बता दें कि उत्तराखंड यूसीसी को लागू करने वाला देश का पहला राज्य है. हिमंता बिस्व सरमा कई बार ये बोल चुके हैं कि उनकी सरकार राज्य में यूसीसी लाने के लिए तेजी से काम कर रही है. सरकार के इस निर्णय के बाद अब मुस्लिम विवाह और तलाक के रजिस्टर के मुद्दे का अधिकार जिला आयुक्त और जिला रजिस्ट्रार के पास होगा.
राज्य सरकार ने मुस्लिम मैरिज एंड डिवोर्स एक्ट के तहत काम कर रहे 94 मुस्लिम रजिस्ट्रार को भी हटा दिया है, उन्हें दो लाख रुपए एकमुश्त मुआवजा देकर कर्तव्यों से मुक्त कर दिया गया है.
मुस्लिम मैरिज एक्ट खत्म होने के बाद असम में होंगे ये बदलाव
- मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम 1935 एक्ट के तहत शादी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया जाता है और रजिस्ट्रेशन में इस बात से फर्क नहीं पड़ता था कि लड़का और लड़की की आयु कितनी है? इससे बाल विवाह को भी बढ़ावा मिलता था. अब सरकार का कहना है कि क्योंकि शादी के लिए देश में पहले से ही स्पेशल मैरिज एक्ट है तो अब इस कानून की जरूरत ही क्या. अब इस अधिनियम के तहत इस पुराने कानून को खत्म करने और बाल विवाह को भी रोकने में मदद मिलेगी.
- अब मुस्लिम निकाह या तलाक के लिए अलग से रजिस्ट्रेशन नहीं होगा.
- कम आयु में विवाह इस कानून के तहत वैलिड था, जो अब नहीं रहेगा.
- अब मुस्लिमों में एक स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत निकाह होगा.
- जो 94 मुस्लिम रजिस्ट्रार मुस्लिम निकाह के मामलों में रजिस्ट्रेशन के लिए इस एक्ट के तहत काम कर रहे थे, उन सभी को 2 लाख रुपए का मुआवजा देकर हटा दिया गया है. अब इसकी जिम्मेदारी शक्ति जिला आयुक्त और जिला रजिस्ट्रार को दे दी गई है.
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