केंद्र सरकार ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के तहत शिक्षा के क्षेत्र में कई बड़े बदलाव किए हैं. कुछ बदलावों की नींव पड़ गई है तो कुछ के लिए तैयारी चल रही है. इसी क्रम में केंद्र सरकार ने सभी राज्यों और यूनियन टेरिट्रीज को निर्देशित किया है कि क्लास वन में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र सीमा 6 साल तय की गई है.
केंद्र सरकार ने कहा है कि सभी राज्यों के स्कूल ये सुनिश्चित करें कि क्लास वन में एडमिशन के लिए बच्चे की उम्र 6 साल से कम न हो. ये एज लिमिट एनईपी 2020 के तहत प्रस्तावित है जिस पर पिछले साल भी चर्चा हुई थी.
वर्ष 2023 में भी एजुकेशन मिनिस्ट्री की ओर से इस संबंध में एक पत्र तैयार किया गया था और राज्यों को भेजा गया था. मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने पहले भी इसी तरह का इस मामले में नोटिस जारी कर चुका है और अब इसे फिर जारी किया गया है.
मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन की ओर से 15 फरवरी को जारी एक पत्र में कहा गया है कि एकेडमिक सेशन 2024-25 के लिए एडमिशन प्रोसेस शुरू होने वाला है. ऐसे में उम्मीद की जाती है कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में अब ग्रेड वन में एडमिशन के लिए बच्चे की एज लिमिट 6 प्लस कर दी गई होगी.
साल 2022 में सेंटर ने लोकसभा में बताया था कि 14 राज्य और यूटी हैं जिनमें अगर बच्चे की उम्र 6 साल न भी हो तो भी उन्हें क्लास वन में एडमिशन मिल सकता है. इनके नाम है – असम, गुजरात, पुडुचेरी, तेलंगाना, लद्दाख, आंध्र प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, गोवा, झारखंड, कर्नाटक और केरल.
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