राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने वायु गुणवत्ता में गिरावट देखने वाले 53 शहरों को प्रदूषणकारी स्त्रोत का खुलासा और प्रदूषण कम करने के लिए उठाए गए कदमों पर पूरी रिपोर्ट सौंपने ने निर्देश जारी किए हैं. गौरतलब है कि NGT भारत के कई शहरों में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बनाए गए वायु गुणवत्ता सूचकांक(AQI) में दर्ज वायु गुणवत्ता में गिरावट के मुद्दे पर सुनवाई कर रहा है.
5 दिसंबर को NGT ने कई राज्यों द्वारा पेश रिपोर्ट्स पर मंथन करने के बाद कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (NCAP) और 15वें वित्त आयोग के तहत मिले धन का पूरा इस्तेमाल नहीं किया है. जिसके बाद NGT ने राज्यों से आगे की कार्रवाई रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए थे.
NGT अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि केंद्रीय पर्यावरण वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MOEF And CC), दिल्ली, मेघालय, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, उत्तर प्रदेश, झारखंड, मध्य प्रदेश और हरियाणा द्वारा आगे की रिपोर्ट दायर की गई थी और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए 1644.4025 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आवंटित राशि का इस्तेमाल हो रहा है या नहीं.
19 फरवरी को पारित एक आदेश में पीठ ने यह भी कहा कि रिपोर्ट्स के अनुसार, वायु प्रदूषण का कारण सड़क निर्माण के दौरान उठी धूल थी. इसको कम करने के लिए कई प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके लिए कई गतिविधियों को शुरू किया गया है. NGT ने कहा कि 53 शहरों को प्रदूषण फैलाने वाले स्रोतों का खुलासा करना चाहिए. साथ ही यह भी बताएं कि इसको कम करने के लिए आखिर क्या कदम उठाए गए हैं. मामले में आगे की कार्यवाही तीन मई निर्धारित की गई है.
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