हिंदी सिनेमा से इस समय एक बुरी खबर आ रही है. दरअसल, मशहूर गजल गायक पंकज उधास का निधन हो गया है. 72 साल की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली. लेजेंडरी सिंगर की मौत की खबर उनकी बेटी नायाब उधास ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम हैंडल से एक पोस्ट शेयर कर दी है. इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए पोस्ट में नायाब उधास ने लिखा- बहुत ही दुख के साथ बताना पड़ रहा है कि पंकज उधास का 26 फरवरी 2024 को निधन हो गया.
बता दें कि पंकज उधास काफी लंबे समय से बीमार चल रहे थे और इसी वजह से उन्हें कैंडी अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां उन्होंने सोमवार 26 फरवरी को सुबह तकरीबन 11 बजे इस दुनिया से अलविदा ले लिया.
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पद्मश्री से किए जा चुके थे सम्मानित
पंकज उधास का जन्म 17 मार्च 1951 को गुजरात के राजकोट में हुआ था. पंकज उधास एक सफल गजल गायक माने जाते हैं. उन्होंने हिंदी सिनेमा के कई फिल्मों में अपनी आवाज का जादू बिखेरा है. पंकज उधास ने ‘चिठ्ठी आई है’ गाने से काफी ज्यादा लोकप्रियता हासिल की थी. साल 2006 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.
इन गजलों को दी आवाज
पंकज उधास ने गजल गाकर खूब नाम और शोहरत कमाया. उनकी सबसे मशहूर गजलों में ‘चिट्ठी आई है’ है. यह गजल 1986 में रिलीज हुई फिल्म ‘नाम’ से थी. इसके अलावा उन्होंने ‘चांदी जैसा रंग है तेरा’, ‘ना कजरे की धार, न मोतियों की हार’, ‘घूंघट को मत खोल’, ‘थोड़ी थोड़ी पिया करो’, ‘चुपके चुपके सखियों से वो बातें करना भूल गई’, ‘और आहिस्ता कीजिए बातें’, ‘निकलो न बेनकाब’, ‘दीवारों से मिलकर रोना अच्छा लगता है’, ‘एक तरफ उसका घर’ जैसी कई बेहतरीन गजलें गाकर अपना लोहा मनवाया. ये सभी गजलें उनकी यादगार गजलों में से जानी जाती हैं.
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