भाजपा आईटी सेल को लेकर यूट्यूबर ध्रुव राठी के ट्वीट को रीट्वीट करने पर केजरीवाल के खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले पर सुनवाई के दौरान केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उन्होंने वीडियो रीट्वीट कर गलती की है. अगर उन्हें पता होता कि अगर इसका परिणाम ऐसा होगा तो वे ऐसा नहीं करते. मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च को होगी.
जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच ने केजरीवाल को राहत देते हुए राऊज एवेन्यू कोर्ट को निर्देश दिया कि जब तक ये मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है तब तक वो न तो सुनवाई करेगा और न ही केजरीवाल के खिलाफ कोई निरोधात्मक आदेश पारित करेगा. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में ट्रायल कोर्ट में शिकायतकर्ता की ओर से पेश वकील से पूछा कि जब केजरीवाल ने गलती मान ली है तो अब क्या केस बंद कर सकते हैं. इस पर शिकायतकर्ता के वकील ने कहा कि वे केजरीवाल की माफी पर निर्देश लेकर कोर्ट को बताएंगे.
दिल्ली हाई कोर्ट ने 5 फरवरी को कहा था कि किसी के बारे में अपमानजनक सामग्री को रीट्वीट करना मानहानि के बराबर है. अरविंद केजरीवाल के अच्छी-खासी संख्या में फॉलोअर्स हैं और वो वीडियो को रीट्वीट करने के नतीजों को बखूबी समझते हैं. अगर एक राज्य का मुख्यमंत्री किसी ट्वीट को बिना वेरिफाई किये रीट्वीट करता है तो ये मानहानि वाले कंटेंट को बढ़ावा देना ही है. हाई कोर्ट ने इस केस में अरविंद केजरीवाल को तलब करने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा था.
इसके पहले 30 अक्टूबर 2019 को राऊज एवेन्यू कोर्ट के सेशंस कोर्ट ने विकास सांकृत्यायन उर्फ विकास पांडे की आपराधिक मानहानि शिकायत पर समन किए जाने के ट्रायल कोर्ट के फैसले को चुनौती देनेवाली केजरीवाल की अर्जी खारिज कर दी. सेशंस कोर्ट के आदेश को केजरीवाल ने हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. ट्रायल कोर्ट में शिकायत में विकास सांकृत्यायन ने कहा कि उनके खिलाफ गलत आरोप वाले ट्वीट को केजरीवाल ने भी रिट्वीट किया था.
याचिका में कहा गया है कि 6 मई, 2018 को ध्रुव राठी के यूट्यूब चैनल पर ‘भाजपा आईटी सेल पार्ट-2’ नामक एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें कई झूठी और अपमानजनक बातें कही गई थीं. उसमें कहा गया था कि विकास सांकृत्यायन भाजपा आईटी सेल का सेकंड-इन-कमांड है. उसमें विकास पर आरोप लगाया गया है कि ‘आई सपोर्ट नरेन्द्र मोदी’ के पेज के जरिये फेक यानी झूठी खबरें प्रसारित की जाती हैं. वीडियो में कहा गया है कि विकास पांडे ने किसी अभिषेक मिश्रा के जरिये महावीर प्रसाद को 50 लाख रुपये रिश्वत की पेशकश की थी.
विकास ने अपनी याचिका में कहा है कि वीडियो में लगाए गए आरोप झूठे हैं और उनकी छवि खराब करने की कोशिश की गई है. इन आरोपों से समाज में उनकी छवि खराब हुई है. इस वीडियो को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बिना उसकी तहकीकात किए उसे रीट्वीट कर दिया. केजरीवाल के देश-विदेश में बड़ी संख्या में फॉलोवर्स हैं. इस मामले में विकास और अभिषेक कुलश्रेष्ठ ने अपने बयान दर्ज कराए थे. विकास ने अपनी याचिका के पक्ष में ट्वीट किए गए वीडियो की पूरी ट्रांसक्रिप्ट कोर्ट में पेश की, जिसके आधार पर ट्रायल कोर्ट ने केजरीवाल को समन करने का आदेश दिया था.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार
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