बीते 27 फरवरी को राज्यसभा चुनाव के बाद से ही हिमाचल प्रदेश की राजनीति में घमासान देखने को मिल रहा है. बहुमत होने के बाद भी कांग्रेस ने हिमाचल की इकलौती राज्यसभा सीट गंवा दी. जिसके बाद से पार्टी में फूट पड़ गई है. सुक्खू सरकार के कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) ने इस्तीफा दे दिया है तो वहीं प्रतिभा सिंह गुट के कई विधायकों ने सीएम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जिसके बाद से सुक्खू सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं.
वहीं दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता जयराम ठाकुर ने दावा किया है कि सुक्खू सरकार के पास बहुमत नहीं है और वो जल्द ही उनके सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएंगे. बता दें कि अगर सुक्खू सरकार गिरती है तो ये कोई नई बात नहीं होगी. साल 2014 के बाद से कई राज्यों में सरकार गिर चुकी है. आइए जानते है कि साल 2014 के बाद से किन-किन राज्यों में सत्ता पलट का खेल हुआ है.
बिहारी में हुआ सत्ता पलट
साल 2014 के बाद से बिहार की सत्ता में काफी ज्यादा परिवर्तन देखने को मिला है. बिहार के मुख्यमंत्री ने साल 2015 में राजद और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी लेकिन 2 साल बाद ही नीतीश कुमार ने NDA के साथ मिलकर सरकार बना ली. इसके बाद विधानसभा 2020 का चुनाव हुआ जिसमें जदयू और एनडीए फिर से सत्ता में आ गई. हालांकि, नीतीश कुमार ने साल 2022 में एनडीए का साथ छोड़कर एक बार फिर से राजद के साथ मिलकर सरकार बना ली. लेकिन 2 साल बाद फिर से नीतीश कुमार ने एनडीए का दामन थामकर सरकार बना लिया.
मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार के साथ हुआ था खेला
साल 2020 में कांग्रेस के दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने साथ के कई विधायकों को लेकर बीजेपी का दामन थाम लिया था. जिसके बाद से कमलनाथ सरकार गिर गई थी और फिर शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री बने थे.
महाराष्ट्र में भी हुआ सत्ता पलट
महाराष्ट्र में साल 2022 के राज्यसभा चुनाव में 6 सीटों में से तीन सीटें बीजेपी ने जीत ली थी जिसके कुछ दिन बाद ही एकनाथ शिंदे गुट के विधायकों ने बगावत कर उद्धव ठाकरे सरकार गिरा दी थी और फिर एकनाथ शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बना ली थी.
कर्नाटक में भी हुआ सत्ता पलट का खेल
कर्नाटक में साल 2018 में विधानसभा का चुनाव हुआ था. जिसमें सबसे ज्यादा सीट हासिल करने के बावजूद बीजेपी सरकार नहीं बना पाई थी. दरअसल, कांग्रेस ने JD(S) के साथ मिलकर सरकार बना ली थी और येदियुरप्पा सीएम बनाए गए थे. हालांकि, फ्लोर टेस्ट में हारने की वजह से उन्हें इस्तीफा देना पड़ गया. जिसके बाद कांग्रेस ने JD(S) को सीएम का पद देकर फिर से सत्ता में जगह बना ली. लेकिन कुछ महीनों बाद ही 16 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया जिसके बाद सरकार गिर गई और फिर बीजेपी ने सरकार बना लिया.
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