संदेशखाली मामले का मास्टरमाइंड और तृणमूल कांग्रेस का नेता शाहजहां शेख (Shahjahan Sheikh) आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ ही गया. शाहजहां शेख करीब 2 महीनों से फरार चल रहा था लेकिन बंगाल पुलिस ने गुरुवार (29 फरवरी) को इसे मिनाखान इलाके से गिरफ्तार कर बशीरहाट अदालत में पेश किया जहां अदालत ने उसे 10 दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया. शाहजहां शेख के ऊपर संदेशखाली में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न और जबरन जमीन हड़पने का आरोप है. संदेशखाली में शाहजहां ने अपने खौफ से लोगों को डरा रखा था. लेकिन शाहजहां शेख आखिरकार इतना बड़ा क्रिमनल बना कैसे आइए जानते हैं.
बांग्लादेश से आया था भारत
संदेशखाली का डॉन शाहजहां शेख (Shahjahan Sheikh) सालों पहले बांग्लादेश से भारत आकर संदेशखाली में बस गया था. बांग्लादेश से आने के बाद शाहजहां शेख ने पहले खेतों में फिर ईंट-भट्ठों पर एक मजदूर के तौर पर काम करना शुरू किया. ईंट-भट्ठों पर काम करते हुए उसने अन्य मजदूरों के साथ मिलकर खुद की एक यूनियन बना ली फिर उसने धीरे-धीरे राजनीति में प्रवेश करने की कोशिश शुरू कर दी.
मामा ने करवाई राजनीति में एंट्री
ईंट-भट्ठों के मजूदरों के साथ यूनियन बनाने के बाद शाहजहां शेख ने अपने मामा मोसलेम शेख (Moslem Sheikh) की मदद से राजनीति में एंट्री कर ली. उसके मामा मोसलेम शेख उत्तर 24 परगना जिले माकपा के नेता थे. इसके बाद मामा मोसलेम शेख के साथ शाहजहां ने मछली पालन केंद्र खोला और फिर धीरे-धीरे माम-भांजे ने मिलकर संदेशखाली के सभी मछली पालन केंद्रों पर नियंत्रण जमा लिया. वहीं दूसरी तरफ जब बंगाल में 2011 में सत्ता परिवर्तन हुआ और ममता बनर्जी सत्ता में आई तो शाहजहां शेख ने माकपा से दूरी बनाते हुए ज्योतिप्रिय मल्लिक की मदद टीएमसी को ज्वाइन कर लिया.
करोड़ों की संपत्ति का मालिक है शाहजहां शेख
शाहजहां शेख ने राजनीति के दुनिया में एंट्री करने के बाद से अकूत संपत्ति बनाई है. चुनाव आयोग में दायर किए गए हलफनामे में शाहजहां शेख ने बताया था कि उसके पास 17 कार, 2.5 करोड़ रुपये की ज्वेलरी, 14 एकड़ से अधिक जमीन, जिसकी कीमत करीब 4 करोड़ है और बैंक अकाउंट में 1.92 करोड़ रुपये जमा है.
राशन वितरण घोटाले में 10 करोड़ के गबन का आरोप
बता दें कि शाहजहां शेख का नाम पश्चिम बंगाल में राशन घोटाले मामले के बाद से चर्चा में आया था. दरअसल, पश्चिम बंगाल में राशन घोटाले मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने बंगाल के पूर्व मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक (Jyotipriya Mallick) को गिरफ्तार कर लिया था और इसके बाद इस मामले में जब ईडी की टीम शाहजहां शेख से पूछताछ करने के लिए पहुंची तो उसके समर्थकों ने ईडी अधिकारियों के ऊपर हमला कर दिया जिसमें कई अधिकारी गंभीर रूप से चोटिल हो गए. गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल राशन घोटाले मामले में 10 करोड़ के गबन का आरोप लगा है.
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