राज्यसभा चुनाव के खत्म होने के बाद से हिमाचल प्रदेश की राजनीति में काफी ज्यादा सियासी घमासान देखने को मिल रहा है. कांग्रेस के बागी विधायकों के खिलाफ एक्शन के बाद पार्टी हाईकमान के द्वारा पर्यवेक्षक के रूप में भेज गए कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “हमारे सीएम ने स्वीकार किया कि कुछ विफलता हुई है.
लेकिन यह आगे जारी नहीं रहेगा. हमने सभी विधायकों से व्यक्तिगत रूप से बात की है. हमने पीसीसी अध्यक्ष, सीएम से बात की है. एक दौर की चर्चा बाद में होगी. इसलिए उन सभी ने अपने सभी मतभेद सुलझा लिए हैं. वे मिलकर काम करेंगे. हम पार्टी और सरकार के बीच पांच से छह सदस्यों के साथ एक समन्वय समिति बना रहे हैं. वे पार्टी को बचाने और सरकार को बचाने के लिए साथ मिलकर काम करेंगे”.
‘सुक्खू ही रहेंगे हिमाचल के CM’- डीके शिवकुमार
जब कांग्रेस पर्यवेक्षक डीके शिवकुमार से पूछा गया कि क्या सीएम सुक्खू 5 साल तक सीएम रहेंगे, तो उन्होंने कहा, “वहां कांग्रेस सरकार है और सुक्खू सीएम हैं. सभी विधायक 5 साल तक कांग्रेस सरकार चाहते हैं”.
वहीं हिमाचल प्रदेश के लिए कांग्रेस पर्यवेक्षक और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा, “राज्यसभा के चुनाव में पार्टी को सीटें खोने का अफसोस है. पार्टी विधायकों से बात की गई है और इसे लेकर आपस में एक सहमति बनी है. 6 मेंबर की कॉर्डिनेशन कमेटी बनाई जाएगी. कॉर्डिनेशन कमेटी में मुख्यमंत्री, पीसीसी अध्यक्ष, उप मुख्यमंत्री और अन्य सदस्य रहेंगे”.
हमारी सरकार निश्चित तौर पर चलेगी- सुक्खू
इस दौरान हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा, “राज्यसभा चुनाव के बाद जो हुआ उसके बाद अटकलें लगने लगी की हिमाचल प्रदेश की सरकार गिरने वाली है. मेरे पास मेरे ही इस्तीफे की खबर आ गई, यह एक षडयंत्र के तहत खबर चल रही थी ताकि वोटिंग के समय हमारी संख्या कम हो जाए. मैं पूछता हूं भाजपा किस बहुमत की बात कर रही है? मार्शल के साथ 15 विधायकों ने दुर्व्यवहार किया जिसके लिए उन्हें निष्कासित किया गया. 9 विधायक जो थे उन्हें तो किसी ने निष्कासित नहीं किया था, तो वे अंदर क्यों नहीं आए थे. हमने ईमानदारी से सरकार चलाई है. हिमाचल प्रदेश में हमारी सरकार निश्चित तौर पर चलेगी”.
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