मुंबई: महाराष्ट्र सरकार के 10 प्रतिशत मराठा आरक्षण के विरोध में शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. इस याचिका पर सुनवाई की तिथि अभी तय नहीं की जा सकी है.
यह याचिका वकील गुणरत्न सदावर्ते की ओर से उनकी पत्नी वकील जयश्री पाटिल ने शुक्रवार को हाई कोर्ट में किया है. गुणरत्न सदावर्ते ने पत्रकारों को बताया कि मराठा समुदाय पिछड़ा नहीं है और उन्हें किसी आरक्षण की जरूरत नहीं है. साथ ही सेवानिवृत्त जस्टिस सुनील शुक्रे की नियुक्ति पर भी आपत्ति जताई गई है. साथ ही पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष पद पर सुनील शुक्रे की नियुक्ति गलत तरीके से की गई है. साथ मराठा आरक्षण के लिए नियुक्त किए गए रिटायर जस्टिस दिलीप भोसले को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश से भी ज्यादा वेतन दिया जा रहा है.
वकील सदावर्ते ने कहा कि खत्री कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण नहीं दिया जा सकता है. राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है. हाई कोर्ट में इस याचिका की सुनवाई अभी तक तय नहीं किया है. जबकि मराठा समाज के नेता विनोद पाटिल ने हाई कोर्ट में कैविएट याचिका दाखिल की है. विनोद पाटिल ने कोर्ट से अनुरोध किया है कि अगर आरक्षण विरोधी याचिका पर सुनवाई होती है तो उनकी बात भी सुनी जाए.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार
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