मोदी सरकार ने फरवरी में माल एवं सेवाकर से ताबड़तोड़ कमाई की है. 29 दिन के इस महीने में सरकार का कुल जीएसटी कलेक्शन 1.68 लाख करोड़ रुपए रहा है. अगर इसे प्रतिदिन के हिसाब से देखें तो सरकार ने फरवरी महीने के हर दिन जीएसटी से 57.93 करोड़ रुपए की कमाई की है. जीएसटी का ये कलेक्शन पिछले साल फरवरी के कलेक्शन से 12.5 प्रतिशत अधिक है.
वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को जीएसटी कलेक्शन के आंकड़े पेश किए. इसके हिसाब से फरवरी में उसने ₹1,68,337 करोड़ रुपए का अप्रत्यक्ष कर जुटाया है. पेट्र्रोल-डीजल और कुछ अन्य वस्तुएं अब भी जीएसटी के दायरे से बाहर हैं. इन पर राज्य सरकारें अपने हिसाब से टैक्स लगाती हैं. जबकि जीएसटी एक देश में लगने वाला एक ही टैक्स है.
चालू वित्त वर्ष (2022-23) के शुरुआती 11 महीनों में देश के अंदर ग्रॉस जीएसटी कलेक्शन 18.40 लाख करोड़ रुपये हो चुका है. यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के कर संग्रह से 11.7 प्रतिशत अधिक है. इस साल देश में हर महीने जीएसटी का संग्रह औसत 1.67 लाख करोड़ रुपये रहा है. जबकि पिछले साल इसी अवधि में ये औसत 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक थी. इस साल जीएसटी संग्रह में मजबूत बढ़ोतरी के पीछे बड़ी वजह घरेलू लेन-देन से शुल्क में 13.9 प्रतिशत की वृद्धि होना है. वहीं वस्तुओं के आयात से जीएसटी में 8.5% की बढ़ोतरी हुई है.
अगर राज्यों से हुए जीएसटी कलेक्शन में ग्रोथ को देखा जाए, तो फरवरी 2024 में सबसे ज्यादा जीएसटी कलेक्शन लद्दाख में बढ़ा है. यहां पिछले साल के मुकाबले कर संग्रह में 43% ग्रोथ हुई है. इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश में ये 29%, अंडमान और निकोबार में 28%, असम एवं दादर और नगर हवेली में 25-25 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज हुई है. वहीं जीएसटी कलेक्शन में सबसे ज्यादा 36 प्रतिशत की गिरावट लक्षद्वीप में आई है.
सरकार देश में जीएसटी व्यवस्था को साल 1 जुलाई 2017 से लागू किया है. जीएसटी के बारे में निर्णय लेने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद बनाई गई है. इसमें सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री या उनके प्रतिनिधि शामिल होते हैं.
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