सदन में वोट के बदले नोट केस को लेकर सोमवार (4 मार्च) को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा और अहम फैसला सुनाया. अब अगर सदन में सांसद पैसे लेकर वोट या भाषण देते हैं तो उनके खिलाफ केस चलाया जा सकेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने 4 मार्च को देश की राजनीति पर बड़ा असर डालने वाला फैसला सुना दिया. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सदन में वोट के लिए रिश्वत में शामिल सांसदों/विधायकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी. सदन में वोट के बदले नोट लेने वाले सांसदों/ विधायकों को कानूनी संरक्षण नहीं दिया जाएगा.
7 जजों की बेंच ने सुनाया फैसला
CJI डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जेबी पारदीवाला, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने इस मुद्दे पर फैसला सुनाया है. इससे पहले 5 अक्टूबर 2023 को 7 जजों के संविधान पीठ ने सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था. मामले में दो दिनों की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा गया था.
इससे पहले 20 सिंतबर को सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला आया था. फिर सदन में वोट के लिए रिश्वत में शामिल सांसदों/विधायकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई से छूट पर फिर से विचार करने को सुप्रीम कोर्ट तैयार हो गया था. 5 जजों के संविधान पीठ ने 1998 के पी वी नरसिम्हा राव मामले में अपने फैसले पर फिर से विचार करने का फैसला लिया था.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार
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