Supreme Court Hearing: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (M. K. Stalin) के बेटे और कैबिनेट मंत्री उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) ने सिंतबर 2023 में सनातन धर्म के खिलाफ विवादित बयान दिया था. जिसके बाद से देश के अलग-अलग जगहों पर उनके खिलाफ केस दर्ज हुए थे. हालांकि, इन सभी मुकदमों को जोड़ने के लिए उदयनिधि स्टालिन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. जहां सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें फटकार लगाई है.
क्या है पूरा मामला?
बता दें कि उदयनिधि स्टालिन ने सितंबर 2023 में सनातन धर्म के खिलाफ विवादित बयान देते हुए कहा था, “कुछ चीजों का सिर्फ विरोध नहीं होना चाहिए, बल्कि उन्हें जड़ से खत्म किया जाना चाहिए. हम डेंगू, मच्छर, मलेरिया या कोरोना वायरस का विरोध नहीं कर सकते. हमें इसे जड़ से खत्म करना होगा. इसी तरह हमें सनातन को खत्म करना है.”
उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) के इस बयान के बाद से देश के अलग-अलग कोनों में उनका विरोध हुआ था और कई राज्यों में उनके खिलाफ केस दर्ज हुआ था. जिसके बाद से उन्होंने सभी मुकदमों में एक साथ जोड़ने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने स्टालिन के इस बयान को लेकर उन्हें फटकार लगाई है. सोमवार (4 मार्च) को जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस सचिन दत्ता की बेंच ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा, “आपने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता (19 (1) ए और 25) के तहत अपने अधिकारों का दुरुपयोग किया है और अब सुप्रीम कोर्ट से राहत देने की मांग कर रहे हैं. आप आम आदमी नहीं हैं, एक मंत्री हैं. आपको पता होना चाहिए था कि इस तरह की टिप्पणी का क्या नतीजा होगा.”
उदयनिधि स्टालिन के वकील ने क्या कहा?
उदयनिधि स्टालिन (Udhayanidhi Stalin) के वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने इस मामले को लेकर कहा कि स्टालिन के खिलाफ उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, बिहार और जम्मू में मुकदमें दर्ज हुए हैं. वो मुकदमों के तथ्यों पर किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं कर रहे हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले एक मुकाबले से जुड़े मुकादमों को जोड़ता रहा है. बता दें कि फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते के लिए टाल दी है.
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