दिल्ली के चार दिन के दौरे पर आईं डेनमार्क की उच्च शिक्षा और विज्ञान मंत्री क्रिस्टीना एगेलुंड ने भारत में अपने अनुभवों को साझा किए हैं. उन्होंने भारतीय नर्सों कि शिक्षा गुणवत्ता को सबसे उच्च बताया. उन्होंने कहा कि उनकी यह यात्रा काफी फलदायी रही.
मंत्री क्रिस्टीना ने कहा, ‘आज मेरी भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री से मुलाकात हुई और हमें इस बारे में विस्तार से चर्चा करने का अवसर मिला.’ उन्होंने बताया, ‘स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती और शिक्षा पर मेरे देश डेनमार्क और भारत के बीच संभावित साझेदारी कैसी हो इस पर विस्तार से चर्चा करने का अवसर मिला.’
भारत में नर्सों की शिक्षा की गुणवत्ता को बहुत उच्च बताते हुए, मंत्री क्रिस्टीना एगेलुंड ने कहा कि डेनमार्क में भारतीय स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती दोनों देशों के बीच संभावित समझौते से काफी लाभदायक साबित हो सकता है. उन्होंने यह भी कहा कि भारतीयों की अंग्रेजी बोलने वाली प्रकृति डेनमार्क में भर्ती के लिए आसान रहेगी.
डेनमार्क की मंत्री ने आगे बताया, ‘वास्तव में, यहां भारत में नर्सों आदि की शिक्षा की गुणवत्ता बहुत, बहुत अच्छी है. इसलिए मुझे लगता है कि जब काम करने के कैरियर के अवसरों की पेशकश की बात आती है तो हमारे दोनों देशों के बीच संभावित समझौते से एक-दूसरे से लाभ हो सकता है.’
मंत्री ने क्रिस्टीने ने बताया कि भारत पहला देश है जिसके साथ हमने चर्चा की है, जहां हम इस तरह की साझेदारी को पूरा करने के लिए बातचीत कर रहे हैं. इसका सबसे पहला कारण है कि भारत में बहुत अच्छा शिक्षित समाज है, खासकर जब स्वास्थ्य देखभाल की बात आती है तब. तो वहीं दूसरा कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि यह एक अंग्रेजी भाषी देश भी है, जो निश्चित रूप से, दोनों देशों के बीच भाषा की बाधा को दूर कर सकता है, खासकर उस व्यक्ति के लिए जिसे दूसरे देश में जाना पड़ता है और अपने लिए जीवन भी बनाना पड़ता है.
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