India-Maldives Tension: पिछले काफी समय से भारत पर की गई टिप्पणियों को लेकर लोग लगातार मालदीव का बाहिष्कार कर रहे हैं. वहीं अब बढ़ती इस टेंशन के बीच बीते दिश देश के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. शुक्रवार (8 मार्च) को दिल्ली पहुंचे मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने इन दिनों भारत के बॉयकॉट के नतीजों को लेकर जहां एक तरफ चिंता व्यक्त की तो वहीं मालदीव के जनता की ओर से भी माफी मांगी है.
क्या बोले मोहम्मद नशीद?
दरअसल दिल्ली आए मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति की तरफ से कई बाते कही गई. मोहम्मद नशीद ने कहा, “भारत और मालदीव के मध्य आए टेंशन ने मालदीव पर बहुत असर डाला है और मैं असल में मैं इसे लेकर काफी चिंतित हूं. मैं बोलना चाहता हूं कि मालदीव के लोगों को इसे लेकर खेद है, हमें खेद है कि ऐसा हुआ है. हमारी इच्छा है कि भारतीय लोग अपनी हॉलिडेज में मालदीव घूमने आएं. हमारी आदर-सत्कार बिल्कुल पहले की ही तरह रहेगा.”
पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने भारत के विशिष्ठ दृष्टिकोण की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने दबाव की नीति अपनाने की बजाय एक राजनयिक वार्ता का प्रस्ताव रखा था. उन्होंने कहा, “जब मालदीव के राष्ट्रपति चाहते थे कि भारत के सैन्यकर्मी वापस जाएं, तो भारत ने अलग और खास रुख अपनाया? उन्होंने अपना मुंह नहीं मोड़ा, कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं किया, इसके विपरीत इस देश की तरफ से चर्चा की पहल की गई.”
क्या था पूरा मामला?
आपको बता दें कि हाल ही में मालदीव के नये राष्ट्रपति के चुनाव होते ही मोहम्मद मुइज्जू ने ऐलान किया था कि उसकी तरफ से उस समझौते का विस्तार नहीं किया जाएगा. भारत को जो मालदीव के संग मिलकर हाइड्रोग्राफिक सर्वेक्षण की स्वीकृति दी गई थी. उस पर भी भारत सरकार से भारतीय सेना की वापसी की बात भी कही गई थी. राष्ट्रपति की तरफ से वर्षों से चली आ रही परंपरा को तोड़ा गया, वहीं मालदीव के कई नेताओं की तरफ से भी भारत के खिलाफ नकारात्मक टिप्पणी की गई थी. इसके बाद से ही मालदीव का भारत की ओर से बॉयकॉट किया जा रहा है.
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