नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड मामले में सुनवाई करते हुए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को कड़ी फटकार लगाई है. सीजेआई ने इस पूरे मामले को बेहद गंभीर बताते हुए अब तक की पूरी रिपोर्ट मांग ली है. बता दें कि राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चुनावी चंदे में एसबीआई की तरफ से बरती जाने वाली लापरवाही पर तल्ख टिप्पणी करते हुए सर्वोच्च न्यायलय ने 12 मार्च तक पूरी जानकारी देने के आदेश दे दिए हैं.
दरअसल इलेक्टोरल बॉन्ड का पूरा मामला पिछले दिनों काफी लाइमलाइट में रहा है, SBI ने देश की सर्वोच्च अदालत से इस मामले से जुड़ी जानकारी देने के लिए 30 जून तक का समय मांगा था. कोर्ट ने 15 फरवरी को राजनीतिक दलों को दिए जाने वाले चंदे को लेकर इलेक्टोरल बॉन्ड की व्यवस्था को असंवैधानिक करार देते हुए तत्काल प्रभाव से इस पर रोक लगा दी थी. वहीं अब इस पूरे मामले पर बड़ा फैसला सुना दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार
बता दें कि देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 5 जजों की पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा, ” एसबीआई बोल रही है कि दानदाताओं और राजनीतिक पार्टियों की रिपोर्ट सील बंद एसबीआई की मुंबई स्थित ब्रांच में मौजूद है मगर मैचिंग प्रक्रिया में समय लगेगा. मगर कोर्ट ने आपको मैचिंग करने के लिए कहा ही नहीं था हमने केवल डिस्कलोजर के लिए ही बोला था. वहीं पीठ के सदस्य जस्टिस खन्ना ने एसबीआई के वकील हरीश साल्वे को बोला कि ‘हमने 15 फरवरी को आदेश दिया था और तब से आज तक काफी समय बीत चुका है. आज 11 मार्च है. बीते 26 दिनों में आपने क्या किया? इसकी पूरी रिपोर्ट कोर्ट को चाहिए. यह मामला बहुत गंभीर है और इससे जुड़ी जानकारी देना जरूरी है. कोर्ट की तरफ से 12 मार्च यानी कल तक ही पूरी जानकारी देने के आदेश दे दिए हैं.
क्या है मामला?
इलेक्टॉरल बॉन्ड योजना का मामला सर्वोच्च न्यायलय पहुंचने के बाद बीती 15 फरवरी को पांच जजों की संविधान पीठ ने केंद्र की इस योजना को असंवैधानिक बोलते हुए इस पर रोक लगा दी थी. कोर्ट ने इसमें इलेक्टोरल बॉन्ड योजना के एकमात्र फाइनेंशियल संस्थान स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को आदेश देते हुए 12 अप्रैल 2019 से लेकर अब तक हुई इलेक्टोरल बॉन्ड की खरीद की पूरी जानकारी 6 मार्च को देने के लिए बोला था.
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