केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए सोमवार (11 मार्च) को नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के नियमों की अधिसूचना जारी कर दी. ऐसे में लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले सीएए नियमों की अधिसूचना जारी करना मोदी सरकार का बड़ा फैसला माना जा रहा है. इस बीच विपक्ष केंद्र सरकार के इस फैसले से तिलमिला उठा है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि अगर नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) लोगों के साथ भेदभाव करता है तो वह इसका विरोध करेंगी. उन्होंने कहा , “सीएए, एनआरसी बंगाल और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए संवेदनशील है. साथ ही ममता ने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले हम अशांति नहीं चाहते.”
“চিন্তা করবেন না। কোনও ভয় নেই। কারও নাগরিকত্ব কাড়তে দেব না”, ভোটের আগে বিজেপির 'নাগরিকত্বের ললিপপ' নিয়ে মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় আশ্বস্ত করলেন রাজ্যবাসীকে!#BanglarGorboMamata #MamataBanerjee #didi #WestBengal Citizenship Amendment Act #CAA pic.twitter.com/0ki3TRwRgh
— Banglar Gorbo Mamata (@BanglarGorboMB) March 11, 2024
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जब देश के नागरिक रोजा-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं तो दूसरों के लिए ‘नागरिकता कानून’ लाने से क्या होगा?
जब देश के नागरिक रोज़ी-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं तो दूसरों के लिए ‘नागरिकता क़ानून’ लाने से क्या होगा?
जनता अब भटकावे की राजनीति का भाजपाई खेल समझ चुकी है। भाजपा सरकार ये बताए कि उनके 10 सालों के राज में लाखों नागरिक देश की नागरिकता छोड़ कर क्यों चले गये।
चाहे कुछ हो…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 11, 2024
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सीएए नियमों को साढ़े चार साल बाद लागू किए जाने पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि चुनावों से पहले इसे लागू करना देश में और विशेष रूप से असम और बंगाल में ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा है। साथ ही उन्होंने यह इलेक्टोरल बांड घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट की कड़ी फटकार और सख्ती के बाद हेडलाइन को मैनेज करने का प्रयास भी प्रतीत होता है।
दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए। प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीक़े से काम करती है। सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 11, 2024
उधर केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने सीएए को सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी कानून बताया और कहा कि इसे केरल में लागू नहीं किया जाएगा.
The Central Government's notification of the Rules to the Citizenship Amendment Act in the wake of the elections is aimed at disquieting the nation. The Ministry of Home Affairs has issued the notification regarding the CAA, just ahead of the announcement of the elections to the…
— Pinarayi Vijayan (@pinarayivijayan) March 11, 2024
वहीं, हैदराबाद से सांसद औवैसी ने भी मोदी सरकार की मंशा पर सवाल उठाया है. औवैसी ने कहा, “आप क्रोनोलॉजी समझिए, पहले चुनाव का मौसम आएगा, फिर सीएए के नियम आएंगे. सीएए पर हमारी आपत्तियां जस की तस हैं. सीएए विभाजनकारी है और गोडसे की सोच पर आधारित है जो मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाना चाहता था.”
Aap chronology samajhiye, pehle election season aayega phir CAA rules aayenge. Our objections to CAA remain the same. CAA is divisive & based on Godse’s thought that wanted to reduce Muslims to second-class citizens.
Give asylum to anyone who is persecuted but citizenship must…
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 11, 2024
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