केंद्र सरकार ने फार्मा के क्षेत्र में कड़े कदम उठाए हैं. दवा कंपनियां अब डॉक्टरों को किसी तरह का उपहार और मुफ्त सैंपल नहीं बांट पाएंगी. इसके लिए औषधि विभाग ने मंगलवार को नई संहिता अधिसूचित कर दी. औषधि विपणन प्रथाओं के लिए समान संहिता (यूसीपीएमपी), 2024 लोगों को मुफ्त नमूनों (सैंपल) की आपूर्ति पर भी प्रतिबंध लगाती है जो ऐसे उत्पाद को इस्तेमाल की सिफारिश करने के योग्य नहीं हैं.
यूसीपीएमपी गाइडलाइंस के मुताबिक, ‘कोई भी फार्मा कंपनी या उसका एजेंट (वितरक, थोक विक्रेता, फुटकर विक्रेता इत्यादि) द्वारा किसी भी स्वास्थ्य पेशेवर या उसके परिवार के सदस्य (नजदीकी या दूर का) को कोई उपहार या निजी लाभ प्रदान नहीं कर सकते.’
इसी तरह कोई भी फार्मा कंपनी या उसका एजेंट दवा का परामर्श देने या आपूर्ति करने के पात्र किसी व्यक्ति को कोई आर्थिक लाभ की पेशकश नहीं कर सकते.
इसके अलावा कोई भी फार्मा कंपनी या उसका प्रतिनिधि या उनकी ओर से कोई व्यक्ति स्वास्थ्य पेशेवर या उनके परिवार के सदस्यों को सम्मेलन, संगोष्ठी या कार्यशाला इत्यादि में हिस्सा लेने के लिए देश में या देश के बाहर यात्रा सुविधा प्रदान नहीं कर सकते.
इसमें रेल, हवाई, जलपोत या क्रूज के टिकट या पेड वैकेशन शामिल हैं. संहिता के अनुसार, दवाओं का प्रमोशन उसकी विपणन मंजूरी की शर्तों के अनुसार ही होना चाहिए.
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