नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में पीएम स्वनिधि योजना के तहत दिल्ली के 5 हजार रेहड़ी-पटरी वालों सहित देश के एक लाख स्ट्रीट वेंडरों को ऋण वितरित किया. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली मेट्रो के चौथे चरण में लाजपत नगर से साकेत-जी ब्लॉक तक और इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ तक के दो नए कॉरिडोर की आधारशिला भी रखी.
इस मौके पर अपने संबोधन ने प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश भर में लगभग 1 लाख लाभार्थियों को पीएम स्वनिधि योजना के तहत उनके बैंक खातों में सीधे पैसे ट्रांसफर किए गए हैं. इसके अलावा, आज दिल्ली मेट्रो के दो नए प्रोजेक्ट का भी शिलान्यास किया गया है. इस प्रकार, यह दिल्ली के लोगों के लिए दोहरे उपहार की तारीख है. महामारी के दौरान रेहड़ी-पटरी वालों की ताकत को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने रोजमर्रा की जिंदगी में उनके महत्व को रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि आज का पीएम स्वनिधि महोत्सव उन लोगों को समर्पित है जिनके बिना हम अपने दैनिक जीवन की कल्पना नहीं कर सकते. स्ट्रीट वेंडरों की इस ताकत हम कोरोना के दौरान देख चुके हैं.
पिछली सरकारों पर रेहड़ी-पटरी वालों की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए कहा कि रेहड़ी-पटरी वालों के ठेले-दुकान भले ही छोटे हों, लेकिन इनके सपने बड़े होते हैं. फुटपाथ पर सामान बेचते हुए पैसों की जरूरत पड़ जाती थी, तो मजबूरी में महंगे ब्याज पर पैसा लेना पड़ता था. प्रधानमंत्री ने बैंकों में इन लोगों के खाते तक नहीं होने का उल्लेख करते हुए कहा कि बैंकों में खाता खुलवाने के लिए तरह-तरह की गारंटी उन्हें देनी पड़ती थी. ऐसे में बैंक से इनको लोन मिलना असंभव ही था. मोदी ने कहा कि जिन लोगों के पास बैंक खाता था उनके पास व्यापार का कोई रिकॉर्ड नहीं था. प्रधानमंत्री ने कहा कि वह स्वयं गरीबी से निकलकर यहां पहुंचे हैं इसलिए जिसको किसी ने नहीं पूछा, उसको मोदी ने पूछा भी और पूजा भी है.
कोविड के दौरान पीएम स्वनिधि योजना की शुरुआत को याद करते हुए, प्रधानमंत्री ने एक हालिया अध्ययन पर प्रकाश डाला जिसमें कहा गया है कि स्ट्रीट वेंडरों की आय कई गुना बढ़ गई है और खरीदारी के डिजिटल रिकॉर्ड भी उन्हें बैंक से लाभ उठाने में मदद कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि डिजिटल लेनदेन पर हर साल 1200 रुपये का कैशबैक भुनाया जा सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम स्वनिधि योजना के तहत अभी तक देश के 62 लाख लाभार्थियों को लगभग 11 हजार करोड़ रुपए मिल चुके हैं. उन्होंने इस बात पर खुशी व्यक्त की कि पीएम स्वनिधि के लाभार्थियों में आधे से अधिक महिलाएं हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मोदी गरीब और मध्यम वर्ग का जीवन बेहतर बनाने में जुटा हुआ है. वहीं दूसरी तरफ इंडी गठबंधन है, जो मोदी को गालियां देने के लिए घोषणा पत्र के साथ दिल्ली में एकजुट हो गया है. इंडी गठबंधन की विचारधारा कुशासन, करप्शन और देश विरोधी एजेंडे को हवा देने की है. जबकि मोदी की विचारधारा जनकल्याण से राष्ट्र कल्याण, भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण को जड़ से मिटाने और भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनाने की है. वे कहते हैं कि मोदी का परिवार नहीं है. मोदी के लिए तो देश का हर परिवार अपना परिवार है. इसीलिए तो पूरा देश भी कह रहा है- मैं हूं मोदी का परिवार.
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने रेहड़ी-पटरी वालों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए उन्हें सशक्त बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. देश में बने 4 करोड़ से ज्यादा घरों में से करीब 1 करोड़ शहरी गरीबों को आवंटित किए गए हैं. दिल्ली में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वालों को पक्का मकान देने के लिए हमारी सरकार बहुत बड़ा अभियान चला रही है. गौरतलब है कि इसके तहत दिल्ली में अब तक 3,000 से ज्यादा घर बन चुके हैं. प्रधानमंत्री ने हाल ही में लॉन्च की गई पीएम सूर्य घर योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इस योजना के तहत छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए सरकार पूरी मदद करेगी. इससे 300 यूनिट तक फ्री बिजली मिलेगी. सरकार इस योजना पर 75 हजार करोड़ रुपए खर्च करने जा रही है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि भाजपा सरकार गरीबों और मध्यम वर्ग के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास कर रही है. एक ओर, हमने शहरी गरीबों के लिए पक्के घर बनाए हैं, दूसरी ओर, मध्यम वर्ग के परिवारों को घर बनाने के लिए मदद की. देशभर में मध्यम वर्ग के लगभग 20 लाख परिवारों को पक्के घर बनाने के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा चुकी है.
इस मौके पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि दिल्ली मेट्रो भारत के शहरी विकास का महत्वपूर्ण पहलु है. देश में आज 945 किलोमीटर मेट्रो नेटवर्क कार्यरत है और 919 किलोमीटर की मेट्रो लाइन निर्माणाधीन है. दिल्ली में प्रतिदिन 65-70 लाख यात्री मेट्रो की सुविधा का इस्तेमाल कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने दिल्ली मेट्रो के दो नए कॉरिडोर लाजपत नगर-साकेत-जी ब्लॉक तक और इंद्रलोक से इंद्रप्रस्थ तक की आधारशिला भी रखी. ये गलियारे कुल मिलाकर 20 किलोमीटर से अधिक लंबे होंगे. इस प्रोजेक्ट की कुल लागत 8400 करोड़ रुपये होगी. इन दो कॉरिडोर के निर्माण से प्रतिदिन लगभग ढाई लाख यात्रियों को लाभ मिलेगा. इस मौके पर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना भी उपस्थित थे.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार
कमेंट