निर्वाचन आयोग ने रविवार (17 मार्च) को चुनावी बॉण्ड को लेकर नया डेटा सार्वजनिक कर दिया. यह डेटा आयोग ने सीलबंद लिफाफे में उच्चतम न्यायालय को सौंपा था. न्यायालय ने बाद में आयोग से यह डेटा सार्वजनिक करने के आदेश दिए थे. ये विवरण 12 अप्रैल, 2019 से पहले की अवधि से संबंधित हैं.
आयोग ने इससे पहले 15 मार्च को उपरोक्त तारीख के बाद के चुनावी बॉण्ड से संबंधित विवरण को सार्वजनिक किया था. बता दें कि चुनाव आयोग ने 19 अप्रैल से 1 जून तक सात चरणों में होने वाले लोकसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा के एक दिन बाद ये डेटा जारी किया है.
आयोग ने एक बयान में कहा कि राजनीतिक दलों ने उच्चतम न्यायालय के 12 अप्रैल, 2019 के अंतरिम आदेश के अनुसार सीलबंद लिफाफे में चुनावी बॉण्ड से संबंधित डेटा दाखिल किया था. आयोग ने बताया कि “राजनीतिक दलों से प्राप्त डेटा सीलबंद लिफाफे में उच्चतम न्यायालय में जमा किया गया था. 15 मार्च, 2024 के उच्चतम न्यायालय के आदेश पर अमल करते हुए न्यायालय की रजिस्ट्री ने सीलबंद लिफाफे में एक पेन ड्राइव में डिजिटल रिकॉर्ड के साथ भौतिक प्रतियां वापस कर दीं. आयोग ने आज चुनावी बॉण्ड को लेकर उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री से डिजिटल रूप में प्राप्त डेटा को अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है.”
Public disclosure by ECI of the data relating to electoral bonds as
returned by the Supreme Court registry can be found at this link : https://t.co/VTYdeSLhcg pic.twitter.com/x1BANQDjfx— Spokesperson ECI (@SpokespersonECI) March 17, 2024
आइए जानते हैं चुनाव आयोग के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार किन राजनीतिक पर्टियों को 12 अप्रैल, 2019 से पहले चुनावी बॉन्ड के माथ्यम से कितने रुपए मिले है-
- भाजपा ने कुल 6,986.5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड भुनाए. इसमें पार्टी को 2019-20 में सबसे ज्यादा 2,555 करोड़ रुपये मिले.
- कांग्रेस पार्टी ने चुनावी बॉण्ड के जरिए कुल 1,334.35 करोड़ रुपये भुनाए.
- बीजद (BJD) ने 944.5 करोड़ रुपये,
- वाईएसआर कांग्रेस (YSRCP) ने 442.8 करोड़ रुपये,
- तेदेपा (TDP) ने 181.35 करोड़ रुपये के चुनावी बॉण्ड भुनाए
- तो वहीं तृणमूल कांग्रेस को 1,397 करोड़ रुपये मिले
- BRS को 1,322 करोड़ रुपये के मिले
- सपा को चुनावी बॉण्ड के जरिए 14.05 करोड़ रुपये
- अकाली दल को 7.26 करोड़ रुपये
- अन्नाद्रमुक को 6.05 करोड़ रुपये
- नेशनल कॉन्फ्रेंस को 50 लाख रुपये मिले
मायावती की बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने कहा है कि उसे चुनावी बांड के जरिए कोई चंदा नहीं मिला है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) या सीपीआई (एम) का भी यही कहना है कि उसे भी चुनावी बांड के माध्यम से चंदा नहीं मिला.
कमेंट