कोरबा: कोरबा लोकसभा सीट पर लगातार किसी एक पार्टी का कब्जा नहीं रहा है. कोरबा सीट पर तीन बार आम चुनाव हो चुके है और अब 2024 में चौथी बार लोकसभा का चुनाव होना है. आइए जानें इस सीट का जातीय और सियासी समीकरण –
लोकसभा चुनाव 2024 की तारीखों के ऐलान से पहले ही तमाम राजनीतिक दल चुनावी मैदान में उतर चुके हैं. सभी राज्यों की चोटी-बड़ी सभी सीटों पर प्रत्याशियों से लेकर आंकड़ों तक का गणित शुरू हो गया है. ऐसे ही छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में कोरबा एक महत्वपूर्ण सीट है. यहां से वर्तमान में कांग्रेस की ज्योत्सना महंत सांसद हैं.
नए परिसीमन के बाद साल 2008 में कोरबा लोकसभा का गठन हुआ. इसके पहले जांजगीर लोकसभा सीट के अंतर्गत यह सीट समाहित थी. 2009 मे पहली बार लोक सभा के चुनाव हुए थे. फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक स्वर्गीय कांशीराम ने साल 1984 में जांजगीर सीट से अपनी राजनीतिक जीवन की शुरुआत की थी. हालांकि उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा था. कोरबा में भारत का सबसे बड़ा एल्युमिनियम संयंत्र भारत एल्युमिनियम कंपनी बालको भी है. छत्तीसगढ़ का दूसरा सबसे बड़ा मिनीमाता हसदेव बांगो बांध भी यहां पर स्थित है.
कोरबा सीट का इतिहास
अब तक इस सीट पर तीन बार आम चुनाव हो चुके है और अब 2024 में चौथी बार लोक सभा का चुनाव होना है. पहली बार में ही कांग्रेस के दिग्गज नेता चरण दास महंत ने चुनाव जीता. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी प्रत्याशी करुणा शुक्ला को हार का स्वाद चखाया था. इसके बाद 2014 के लोक सभा चुनाव में चरणदास महंत को बीजेपी के डॉ बंशीलाल महतो ने शिकस्त दी थी. लेकिन फिर 2019 के चुनाव में चरणदास महंत ने अपनी धर्मपत्नी ज्योत्सना चरणदास महंत को चुनाव मैदान में उतारा और इस बार उन्होंने बीजेपी के ज्योतिनंद दुबे को हराया था. यहां अब तक के तीन चुनाव में हर बार नतीजा बदला है.
लोकसभा चुनाव 2019 के परिणाम
कोरबा संसदीय क्षेत्र से इंडियन नेशनल कांग्रेस की ज्योत्सना चरणदास महंत ने विजय हासिल की थी. उन्हें 5.23 लाख वोट मिले थे, वहीं उनकी निकटतम प्रतिद्वंदी भाजपा के ज्योतिनंद दुबे को 4.97 लाख मत मिले थे. ऐसे में कांग्रेस उम्मीदवार ने 26,249 वोट से कोरबा सीट पर जीत हासिल की थी. 19, 305 वोट नोटा को भी मिले थे.
कोरबा का जातीय समीकरण
कोरबा लोकसभा में कुल आठ विधानसभा क्षेत्र आते हैं. जिनमें कोरबा जिले की पांच विधानसभा और अविभाजित कोरिया जिले की तीन विधानसभा शामिल हैं. कोरबा लोकसभा सीट के अंतर्गत कोरबा जिले की चार कोरबा, कटघोरा, रामपुर और पाली-तानाखार, कोरिया जिले की तीन मनेंद्रगढ़, भरतपुर सोनहत और बैकुंठपुर और बिलासपुर जिले की मरवाही विधानसभा सीट आती है. कोरबा लोकसभा में सबसे ज्यादा अनुसूचित जनजाति (ST) वर्ग के 44.5 प्रतिशत मतदाता हैं. इसके बाद अनुसूचित जाति (SC) के 9.2 फीसदी, मुस्लिम वोटर्स 3.5 प्रतिशत और बाकी बचे हुए वोटर्स सामान्य वर्ग और OBC कैटेगरी से हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में साक्षरता दर 61.16 प्रतिशत है. वर्तमान में इस लोकसभा क्षेत्र में 15 ,99,188 मतदाता हैं.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार
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