लोकसभा 2024 के चुनाव के तैयारियों के बीच इस समय देश में सबसे ज्यादा चर्चा इलेक्टोरल बॉन्ड की हो रही है. इसको लेकर राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है. वहीं बीते दिनों चुनाव आयोग (ECI) ने राजनीतिक दलों के द्वारा सौंपे गए सीलबंद लिफाफों की जानकारी सार्वाजनिक कर दी. जिसमें पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) और नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने चुनाव आयोग से अपने कुछ देनदारों के नाम छिपाने के उद्देश्य से विचित्र तरीके की बातें कहीं हैं.
अनजान ने ऑफिस में आकर दिया करोड़ों का चंदा
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पार्टी TMC ने कहा किसी ने कोलकाता में उनके ऑफिस में सीलबंद चुनावी बॉन्ड रख दिए थे जिसके बारे में उन्हें जानकारी नहीं है. TMC ही नहीं बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी JDU ने भी कुछ ऐसी ही बाते कही हैं.
JDU ने कहा कि उनके पटना स्थित ऑफिस में किसी अनजान ने चुनावी बॉन्ड रख दिए थे. इसी वजह से उन्हें उस देनदार के बारे में पता नहीं हैं. लेकिन JDU ने अप्रैल 2019 में मिले 13 करोड़ के चंदे में से 3 करोड़ के चंदे के देनदारों की पहचान का खुलासा कर दिया. हालांकि, TMC ने 16 जुलाई 2018 से 22 मई 2022 तक मिले 75 करोड़ के चंदे के किसी भी देनदार की पहचान का खुलासा नहीं किया है.
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