नई दिल्ली: सऊदी अरब सरकार ने रमजान माहिने में लोगों के लिए एक ही उमराह करने का नया फरमान जारी किया है. इस फरमान का विरोध शुरू हो गया है. रजा एकेडमी ने इस फरमान को शरीयत में हस्तक्षेप करार दिया है.
नए फरमान के अनुसार काबा के गर्भगृह (मतआफ) में भीड़ को कम करने और तीर्थ यात्रियों के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए एक तीर्थयात्री को रमज़ान माह में केवल एक उमराह करने की अनुमति दी जाएगी. इस नए आदेश पर रजा एकेडमी का कहना है कि सरकार उमराह के लिए वहां पहुंच रही यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने का बहाना बना कर इस तरह के गलत फरमान जारी कर रही है. सऊदी अरब सरकार का यह नया फरमान शरीयत कानूनों में हस्तक्षेप कर रहा है.
इससे पहले यह आदेश दिया गया था कि केवल उमराह करने वाले यात्री ही मतआफ (काबा के गर्भ गृह) में प्रवेश कर सकते हैं. अब नए फरमान में यात्रियों को केवल एक उमराह करने के लिए अनुमति दी गई है. रज़ा एकेडमी के अध्यक्ष अल्हाज सईद नूरी ने इस फैसले को शरीयत कानून में ज़बरदस्त हस्तक्षेप बताया है. उन्होंने कहा कि शरीयत में किसी व्यक्ति पर उमराह करने की संख्या पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है.
वास्तव में पैगंबर ने कहा है कि जो कोई भी रमज़ान के महीने में उमराह करता है, वह ऐसा है जैसे वह मेरे साथ हज कर रहा है. इसलिए रमजान माह में दुनियाभर से लाखों मुसलमान उमराह यात्रा के लिए सऊदी अरब आते हैं. सऊदी सरकार का यह फैसला पूरी तरह से इस्लाम के सार के खिलाफ है और इस्लाम के पैगंबर की बातों के खिलाफ है. हम इस फैसले की निंदा करते हैं और इस गैर-इस्लामी फरमान को तत्काल वापस लेने की मांग करते हैं. हम सभी मुस्लिम देशों की सरकारों से आग्रह करते हैं कि वह मक्का आने वाले तीर्थ यात्रियों को परेशान करने वाले सऊदी सरकार फरमान व प्रशासनिक अधिकारियों के जरिए किए जा रहे पद के दुरुपयोग के खिलाफ सामने आएं.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार
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