लंदन: प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का महत्वकांक्षी ‘रवांडा विधेयक’ फिर अटक गया. ब्रिटिश संसद के उच्च सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स में बुधवार को इस विधेयक पर मतदान हुआ मगर वह पारित नहीं हो सका. हाउस ऑफ लॉर्ड्स के सदस्यों ने विधेयक में संशोधन की मांग की है.
लंदन के प्रमुख समाचार पत्र ‘द टाइम्स और द संडे टाइम्स’ की एक्स हैंडल पोस्ट के अनुसार, इससे पहले भी हाउस ऑफ लॉर्ड्स में उड़ानों में देरी के मुद्दे पर सुनक की आलोचना हो चुकी है. अब रवांडा बिल पर उन्हें एक और झटका लगा है. उन्होंने सांसदों से इस विधेयक पर एकजुट होने का अनुरोध किया था. सरकार का कहना है कि रवांडा विधेयक का उद्देश्य ब्रिटेन में इंग्लिश चैनल से अवैध रूप से आने वाले शरणार्थियों को रोकना है. पिछले साल इंग्लिश चैनल से 29,437 लोग ब्रिटेन पहुंचे थे. इस बीच विपक्षी नेताओं के साथ सत्ताधारी कंजर्वेटिव पार्टी के कुछ नेताओं ने भी विधेयक में संशोधन करने का समर्थन किया है.
इसका उद्देश्य
रवांडा विधेयक के तहत ब्रिटेन की सरकार शरण लेने वाले लोगों को रवांडा भेजेगी. वहां से वे ब्रिटेन में शरण पाने के लिए आवेदन कर सकेंगे. शरणार्थियों के लिए ब्रिटेन की सरकार ने रवांडा को साल 2023 के अंत में 24 करोड़ पाउंड का भुगतान किया था.
दो साल से अधर में
रवांडा विधेयक का ऐलान अप्रैल 2022 में बोरिस जॉनसन की सरकार के दौरान किया गया था. पिछले साल नवंबर में ब्रिटेन के सुप्रीम कोर्ट ने इस विधेयक पर कहा था कि ब्रिटेन में शरण मांगने वाले लोगों के लिए रवांडा सुरक्षित देश नहीं है. इसके बाद सुनक सरकार ने दिसंबर में ‘सेफ्टी ऑफ रवांडा विधेयक’ सदन में पेश किया. अगर यह विधेयक ब्रिटेन के उच्च सदन हाउस ऑफ लॉर्ड्स से पास हो गया होता तो सुप्रीम कोर्ट का फैसला बायपास हो जाता.
लेबर पार्टी का रुख
विपक्षी पार्टी लेबर पार्टी इस विधेयक के विरोध में है. उसने ऐलान किया है कि अगर विधेयक पारित भी हो जाता है तो इसे सत्ता में आने पर वापस लिया जाएगा. उल्लेखनीय है कि ब्रिटेन में अगले साल जनवरी में आम चुनाव होना है.
साभार – हिन्दुस्थान समाचार
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