दिल्ली सीएम व आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल के गिरफ्तार होने के बाद सरकार और पार्टी की मुश्किलें बढ़ गई हैं. केजरीवाल कैबिनेट में नंबर दो की हैसियत रखने वाली मंत्री आतिशी ने यह जरूर कहा है कि वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे और जेल से सरकार चलाएंगे, लेकिन कहने में यह जितना आसान लगता है, वास्तव में उतना आसान नहीं होगा. यह व्यावहारिक भी नहीं नजर आता. सरकार चलाने के लिए एक मुखिया की जरूरत होगी, वहीं पार्टी को भी एक ऐसा चेहरा चाहिए होगा, जो चुनाव के समय राष्ट्रीय संयोजक की कमी को कुछ हद तक ही सही, दूर कर सके.
गुरुवार शाम सीएम हाउस में ईडी के पहुंचते ही पार्टी नेताओं-कार्यकर्ताओं में केजरीवाल की गिरफ्तारी की आशंका घर कर गई थी. साथ ही चर्चाओं का दौर भी शुरू हो गया था कि केजरीवाल के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी कौन संभालेगा. ऐसे में कई नाम सामने आए हैं. पार्टी सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री के लिए पहला नाम स्वयं केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल का हो सकता है, जबकि दूसरा नाम दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी का है.
जानकारी के अनुसार सुनीता केजरीवाल भारतीय राजस्व सेवा की अधिकारी रह चुकी हैं वह केजरीवाल अरविंद के साथ अनौपचारिक रूप से सरकार के कामकाज देखती रही हैं, वहीं करीब दस वर्षों से एक राजनीतिक परिवार का हिस्सा होने के कारण उनकी राजनीतिक समझ भी है. पार्टी सूत्रों का यह भी कहना है कि पार्टी के कार्यकर्ता अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति में सुनीता में अपना नेतृत्व देखते हैं.
वहीं आतिशी को सीएम बनाए जाने को लेकर भी पार्टी के भीतर चर्चा जोरों पर है. शिक्षा, पीडब्ल्यूडी और वित्त जैसे अहम विभागों के साथ ही दिल्ली सरकार के सर्वाधिक 14 विभाग आतिशी के पास हैं. आतिशी को पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की तरह ही सरकार चलाने में केजरीवाल का बढ़-चढ़कर सहयोग करते देखा गया है. प्रमुख विभागों को संभालने के कारण उनका अनुभव भी अधिक है, ऐसे में पार्टी सूत्र का मानना है कि सुनीता के इन्कार करने पर आतिशी को मुख्यमंत्री पद दिया जा सकता है.
पार्टी संयोजक की गिरफ्तारी के बाद पार्टी चलाने का दायित्व मौजूदा समय में सीधे तौर पर राज्यसभा सदस्य व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव संदीप पाठक पर आएगा. बीते कुछ समय में राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के आबकारी घोटाले में जेल चले जाने और अन्य राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा के पार्टी के कामकाज से दूरी बना लेने के बाद से संदीप ही पार्टी का कामकाज देख रहे हैं. संगठन से लेकर चुनाव तक हर मामले में वह केजरीवाल के प्रमुख सहयोगी की भूमिका में दिखाई देते रहे हैं. ऐसे में यह माना जा रहा है कि केजरीवाल की खड़ाऊं रखकर संदीप पाठक ही पार्टी चलाएंगे. पार्टी के इस कठिन दौर में संगठन के लिए संदीप पाठक खेवनहार होंगे.
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