अलगाववादी नेता दिवंगत सैयद अली शाह गिलानी की पोती रुवा शाह (Ruwa Shah) और शब्बीर अहमद शाह की बेटी समा शब्बीर (Sama Shabbir) ने खुद को अलगाववादी विचारधारा से अलग करते हुए भारत के संविधान में निष्ठा रखने की बात कही है. उन्होंने स्थानीय समाचार पत्रों में सार्वजनिक नोटिस प्रकाशित कर इसकी घोषणा की है.
अलगाववादी नेता दिवंगत सैयद अली शाह गिलानी की पोती रुवा शाह ने सार्वजनिक नोटिस के जरिए अपने दिवंगत दादा के द्वारा स्थापित हुर्रियत कॉन्फ्रेंस गुट से अलग होने का ऐलान करते हुए कहा कि उन्हें हुर्रियत कॉन्फ्रेंस की विचारधारा के प्रति किसी भी तरह का कोई झुकाव या सहानुभूति नहीं है.
गौरतलब है कि सैयद अली शाह गिलानी ने अपने जीवन भर पाकिस्तान परस्त राजनीति की. हालांकि, साल 2021 में उसका निधन हो गया था. वहीं रुवा शाह के पिता अल्ताफ अहमद शाह भी कथित आंतकी फंडिंग के आरोप में काफी लंबे समय तक जेल में बंद रहा था. लेकिन पिछले साल उसका भी निधन हो गया था.
समा शब्बीर ने भी खुद अलगाववादी संगठन से किया दूर
इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकी फंडिंग के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद शब्बीर शाह की बेटी और सीबीएसई की पूर्व टॉपर 23 वर्षीय समा शब्बीर ने भी खुद को अलगाववादी संगठन से दूर कर लिया है. समा ने भी समाचार पत्र में सार्वजनिक नोटिस के माध्यम से अलगाववादी संगठन से दूर होने और खुद को भारत के वफादार नागरिक होने की घोषणा की है.
धारा 370 खत्म होने के बाद से बदली लोगों की विचारधारा
बता दें कि धारा 370 खत्म होने के बाद से ही कश्मीर के लोगों के विचारधारा में बदलावा आना शुरू हो गया है. शुरुआत में तो लोगों ने इसका विरोध किया था लेकिन जैसे-जैसे कश्मीर में विकास परियोजनाओं की शुरुआत हुई लोगों की मानसिकता में भी बदलाव आने लगा है.
आम लोग तो दूर की बात है कश्मीर के अलगाववादी नेताओं के परिवार और उनके सगे संबंधियों ने भी खुद को अलगाववादी संगठन से दूर करना शुरू कर दिया है. वहीं अभी हाल ही में पीएम मोदी ने भी कश्मीर का दौरा किया था और उनके दौरे के बाद कश्मीर के युवाओं की सोच में काफी ज्यादा बदलाव देखने को मिल रहा है.
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