हिमाचल प्रदेश में राजनीतिक एक बार फिर गरमा गई है. राज्य के तीन निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है. अभी हाल ही में विधानसभा अध्यक्ष कांग्रेस के 6 बागी विधायकों को अयोग्य ठहरा चुके हैं.
शुक्रवार (22 मार्च) को देहरा से विधायक होशियार सिंह, नालागढ़ से विधायक केएल ठाकुर और हमीरपुर से विधायक आशीष शर्मा विधानसभा परिसर पहुंचे और विधानसभा सचिव को अपना त्यागपत्र सौंप दिया. इनमें नालागढ़ से केएल ठाकुर 2012 में भाजपा से विधायक रह चुके हैं, जबकि वे 2017 का चुनाव हार गए थे. वर्ष 2022 में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था. तब वे निर्दलीय चुनाव जीते थे. देहरा से होशियार सिंह लगातार दूसरी बार निर्दलीय विधायक बने हैं. हमीरपुर से आशीष शर्मा पहली बार के निर्दलीय विधायक बने हैं. यह तीनों निर्दलीय विधायक कांग्रेस के अयोग्य ठहराए गए विधायकों के साथ बीते 27 फरवरी से लगातार प्रदेश से बाहर थे.
इस्तीफा देने के बाद नालागढ़ से निर्दलीय विधायक केएल ठाकुर ने बताया कि हमने अपनी स्वेच्छा से बिना किसी के दबाव से नालागढ की जनता के हित में त्यागपत्र दिया है. उन्होंने कहा कि उनका संबंध भाजपा से रहा है और वे फिर से भाजपा के साथ जुड रहे हैं. वर्तमान सरकार में हमारा कोई काम नहीं हो रहा था.
देहरा से निर्दलीय विधायक होशियार सिंह ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में हमने प्रदेश हित में मतदान किया है. उसके बाद प्रदेश सरकार की ओर से हमारा उत्पीड़न आरंभ हो गया. इसलिए अब हम अपने विधायक पद से त्याग पत्र दे रहे हैं और भाजपा से जुड़ रहे हैं.
हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष ने कहा कि सीएम विधायकों और उनके परिवारजनों पर झूठे मुकदमें दर्ज करा रहे हैं. हमने जो भी फैसला लिया है, वह प्रदेश हित में लिया है. हम अब भाजपा से चुनाव लड़ेंगे. जल्द ही हमारा टिकट भाजपा तय करेगी.
इन तीन निर्दलीय विधायकों के त्यागपत्र देने के बाद हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में अब विधायकों की कुल संख्या 59 रह गई है. जिसमें कांग्रेस के 34 और भाजपा के 25 विधायक हैं. इस बीच चुनाव आयोग ने कांग्रेस के अयोग्य ठहराए गए 6 विधायकों की सीटों पर भी लोकसभा के साथ अंतिम चरण में 1 जून को चुनाव कराने की घोषणा कर दी है. ऐसे में इन तीन त्यागपत्र देने वाले विधायकों की सीटों पर भी अब चुनाव होना तय है. अगर भाजपा उपचुनाव में यह सभी 9 सीटें जीत जाती है, तो उसके विधायकों की संख्या कांग्रेस के बराबर 34 हो जाएगी. ऐसे में कांग्रेस को सदन में बहुमत सिद्ध करना पड़ सकता है.
साभार- हिन्दुस्थान समाचार
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