अप्रैल से लोकसभा चुनाव शुरु हो रहे हैं. ऐसे में देश का सियासी पारा हाई है. राजनीतिक पार्टियों की चुनावों को लेकर तैयारियां जोरों पर है. वार-पलटवार का भी दौर जारी है. इस बीच सीनियर एडवोकोट हरीश साल्वे समेत देश के 600 से अधिक वकीलों ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखा है. इस पत्र में वकीलों का आरोप है कि एक विशेष ग्रुप देश में न्यायपालिका को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है. इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा है.
पीएम ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि दूसरों को डराना-घमकाना कांग्रेस की पुरानी संस्कृति है. 5 दशक पहले ही उन्होंने प्रतिबद्ध न्यायपालिका का आह्वान किया था वे बेशर्मी से अपने स्वार्थों के लिए दूसरों से प्रतिबद्धता की अपेक्षा करते हैं. लेकिन राष्ट्र के प्रति किसी भी प्रतिबद्धता से बचते हैं. कोई आश्चर्य की बात नहीं की 140 करोड़ भारतीय उन्हें अस्वीकार कर रहे हैं.
आपको बता दें कि सीनियर एडवोकोट हरीश साल्वे समेत देश के 600 से अधिक वकीलों ने चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को एक पत्र लिखकर कहा कि एक विशेष ग्रुप देश में न्यायपालिका को कमजोर करने की कोशिश कर रहा है. पत्र में कहा गया है कि इस ग्रुप का काम अदालती फैसलों को प्रभावित करने के लिए दबाव डालना है, विशेष रुप से ऐसे मामलों में जिनसे या तो नेता जुड़े है या तो जिन पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं. पत्र में आगे कहा गया है कि इनकी गतिविधियां देश के लोकतांत्रिक ताने-बाने और न्यायिक प्रक्रिया में विश्वास के लिए खतरा है. इस पत्र में वकीलों ने आरोप लगाया है कि ये ग्रुप पॉलिटिकल एजेंडे के आधार पर अदालती फैसलों की सराहना या फिर आलोचना करता है. साथ ही उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि बेंच फिक्सिंग की थ्योरी भी इन्हीं लोगों (ग्रुप) की गढ़ी हुई है.
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