Delhi Liqour Scam: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में अपनी जमानत की अर्जी पर सुनवाई के दौरान पूर्व उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ( Manish Sisodia) की ओर से कहा गया कि 11 महीनों की जांच के बावजूद जांच एजेंसी ये पता नहीं लगा पाई कि कथित रिश्वत की रकम उनके पास पहुंची. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 6 अप्रैल को करने का आदेश दिया.
मनीष सिसोदिया की ओर से पेश वकील मोहित माथुर ने कहा कि एजेंसी कह रही है कि थोक विक्रेताओं ने 7 फीसदी ज्यादा रकम कमाई. जिसकी हेराफेरी की गई लेकिन एजेंसी ने ये नहीं बताया कि उससे राजकोष को कितना नुकसान हुआ. एजेंसी ने ये भी नहीं बताया कि किस उपभोक्ता को कितना नुकसान हुआ. उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मुझे जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट आने की छूट की है. सुप्रीम कोर्ट का आदेश 6 महीने पहले का है और उसके बाद तो जांच पूरी हो जानी चाहिए थी. ट्रायल में देरी मनीष सिसोदिया की वजह से नहीं हुई. उन्होंने कहा कि दूसरे आरोपित विनय बाबू को 13 महीने हिरासत में रहने के बाद ट्रायल में देरी की वजह से जमानत मिल गई.
सिसोदिया को सीबीआई ने 26 फरवरी, 2023 को गिरफ्तार किया था. 25 नवंबर, 2022 को सीबीआई ने पहली चार्जशीट दाखिल की थी, जिस पर कोर्ट ने 15 दिसंबर को संज्ञान लिया था. कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 7, 7ए और 8 के तहत आरोप तय किए थे. पहली चार्जशीट में कोर्ट ने कुलदीप सिंह, नरेंद्र सिंह, विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, अरुण रामचंद्र पिल्लै, मुत्थू गौतम और समीर महेंद्रू पर संज्ञान लिया.
इसी मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल न्यायिक हिरासत में हैं. केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च, 2024 को गिरफ्तार किया था. इस मामले के आरोपित और आम आदमी पार्टी से राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को मंगलवार (2 अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी.
हिन्दुस्थान समाचार
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