इकोनॉमिक ग्रोथ के फ्रंट पर एक अच्छी खबर आई है. वित्त वर्ष 2023-24 के मार्च माह में सर्विस सेक्टर में जबरदस्त तेजी देखने को मिली. मार्च के महीने में भारत का सर्विस सेक्टर 13.5 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया.
एक मासिक सर्वेक्षण के अनुसार मजबूत मांग के कारण बिक्री और व्यावसायिक गतिविधियों में तेजी आई है. इस तेजी से ही सर्विस सेक्टर को बढ़त हासिल करने में मदद मिली है.
समायोजित एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स फरवरी में 60.6 से बढ़कर मार्च में 61.2 हो गया. यह करीब 14 वर्षों में कुल बिक्री और व्यावसायिक गतिविधि में सबसे मजबूत विस्तार में से एक है.
परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) की भाषा में 50 से ऊपर का मतलब विस्तार है, जबकि 50 से नीचे का स्कोर संकुचन है. एचएसबीसी इंडिया सर्विसेज पीएमआई को एसएंडपी ग्लोबल द्वारा लगभग 400 सेवा क्षेत्र की कंपनियों के पैनल को भेजे गए प्रश्नावली के जवाबों से संकलित किया गया है.
मासिक सर्वेक्षण के अनुसार सर्विस सेक्टर में तेजी का मुख्य कारण स्वस्थ मांग की स्थिति, दक्षता में वृद्धि और सकारात्मक बिक्री विकास है. इसके अलावा कंपनियों ने मार्च के दौरान नए ऑर्डर मिले, इससे भी विकास हुआ है. जून 2010 के बाद से विकास दर सबसे बेहतर में से एक थी.
सितंबर 2014 के बाद से नया निर्यात कारोबार सबसे तेज दर से बढ़ा है. सर्विस सेक्टर की कंपनियों ने संकेत भी दिया कि नए कारोबार की मात्रा में पर्याप्त उछाल से उनकी क्षमताओं पर दबाव बढ़ गया है. ऐसे में कंपनियों ने मार्च के महीने में अतिरिक्त नियुक्तियां की है.
रोजगार में ये नई वृद्धि कई महीनों में 22वीं और नवंबर 2022 के बाद से संयुक्त रूप से सबसे मजबूत है. इनपुट लागत और आउटपुट शुल्क दोनों तेजी से बढ़ रहे हैं.
इस बीच एचएसबीसी इंडिया कंपोजिट पीएमआई आउटपुट इंडेक्स फरवरी में 60.6 से बढ़कर मार्च में 61.8 हो गया, जो 13.5 साल में दूसरे सबसे मजबूत उछाल को दर्शाता है. मार्च के आंकड़ों ने पूरे भारत में कुल उत्पादन में तेज वृद्धि की ओर इशारा किया, क्योंकि माल उत्पादकों और सेवा प्रदाताओं दोनों ने विकास में तेजी देखी.
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