बीते शनिवार को साल 2022 के एक विस्फोट मामले की जांच के सिलसिले में पश्चिम बंगाल गई राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की टीम पर मेदिनीपुर जिले के भूपतिनगर में कथित तौर पर भीड़ ने हमला कर दिया था. जिसमें NIA के अधिकारी बुरी तरह से घायल हो गए थे. इस मामले को लेकर चुनाव आयोग में शिकायत के बाद से आयोग ने राज्य प्रशासन से इसको लेकर रिपोर्ट मांगी है तो वहीं दूसरी तरफ NIA ने FIR दर्ज करा दी है.
पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय एजेंसियों पर हमला नई बात नहीं
पश्चिम बंगाल में राष्ट्रीय एजेंसियों पर हमले की ये घटना कोई नई बात नहीं है. बल्कि यहां कई बार राष्ट्रीय एजेंसियों पर हमले हुए हैं. अभी कुछ दिनों पहले ही संदेशखाली में TMC के पूर्व नेता शाहजहां शेख के खिलाफ तलाशी के लिए केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी पहुंची थी और इस दौरान शाहजहां शेख के समर्थकों ने अधिकारियों पर हमला कर दिया था जिसमें कई अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए थे और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ गया था.
राष्ट्रीय एजेंसियों के खिलाफ काफी उग्र रूख रखती हैं ममता बनर्जी!
गौरतलब हो कि संदेशखाली में ईडी अधिकारियों पर हुए हमले को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुख्य आरोपी शाहजहां शेख का बचाव किया था. वहीं शनिवार को NIA के उपर हमले को लेकर भी उन्होंने फिर से राष्ट्रीय एजेंसी पर ही सवाल उठाया है. ममता बनर्जी का पहले से ही राष्ट्रीय एजेंसियों के खिलाफ काफी उग्र रूख रहा है.
उदाहरण के तौर पर साल 2019 में सारदा चिटफंड मामले में कोलकाता के तात्कालीन पुलिस आयुक्त राजीव कुमार से पूछताछ करने के लिए जब CBI की टीम उनके आवास पर पहुंची थी तो उनके बचाव में ममता बनर्जी खुद राजीव कुमार के आवास पर पहुंच गई थी. इतना ही नहीं बाद में सीएम ने CBI के कार्रवाई को अनैतिक बताते हुए कोलकाता के धर्मतला में धरना प्रदर्शन भी किया था. उनकी पार्टी के नेताओं ने इस दौरान जमकर उग्र प्रदर्शन भी किया था. जिसको देखते हुए निजाम पैलेस में स्थित CBI कार्यालय में सुरक्षा की दृष्टिकोण से केंद्रीय बल के जवानों को तैनात करना पड़ गया था.
इसके अलावा जब मंत्री अरुप विश्वास के भाई स्वरुप विश्वास के घर पर IT के अधिकारियों ने छापेमारी की थी तो उस दौरान भी TMC के कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन किया था. मंत्री फिरहाद हकीम के घर पर भी जब केंद्रीय जांच एजेंसी की टीम रेड करने पहुंची थी तो TMC के नेताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था.
जब CBI कार्यलय पर हुआ था हमला
उल्लेखनीय है कि नारद मामले में जब फिरहाद हकीम, मदन मित्रा, सुब्रत मुखर्जी सहित 4 नेताओं की गिरफ्तारी हुई थी जिसके बाद मई 2021 में TMC के समर्थकों ने CBI कार्यालय पर जमकर पथराव किया था उस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद भी CBI कार्यलय में ही थी. इसके अलावा साल 2016 में सारदा चिटफंड घोटाले की जांच करने गए ईडी के एक अधिकारी के साथ हुगली जिले में कथित तौर पर TMC के समर्थकों द्वारा मारपीट का आरोप भी लग चुका है.
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