दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं. एक तरफ जहां उनकी पार्टी के शीर्ष नेतृत्व सलाखों के पीछे है तो वहीं अब उनके साथी भी हाथ छुड़ाने लगे हैं. दरअसल, पटेल नगर से विधायक राजकुमार आनंद ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है और साथ ही पीर्टी को भी छोड़ दिया है.
राजकुमार आनंद ने पार्टी छोड़ने और इस्तीफे की वजह बताते हुए पार्टी पर भ्रष्टाचार को लेकर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार को लेकर पार्टी की जो नीति है, उससे वह सहमत नहीं हैं. उन्होंने मीडिया से वार्ता के दौरान कहा, आम आदमी पार्टी का जन्म भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए हुआ था, लेकिन आज पार्टी भ्रष्टाचार के दलदल में फंस गई है. मेरे लिए मंत्री पद पर काम करना मुश्किल हो गया है. मैंने मंत्री पद से और पार्टी से इस्तीफा दे दिया है क्योंकि मैं इस भ्रष्टाचार से अपना नाम नहीं जोड़ सकता. आदमी पार्टी पर गंभीर आरोप लगाते हुए राजकुमार आनंद ने कहा, आम आदमी पार्टी में दलितों का सम्मान नहीं होता है.
राजकुमार आनंद पर ईडी को शक
आपको बता दें कि राजकुमार आनंद पर ईडी को शक था कि वह हवाला लेनदेन में शामिल है. ईडी ने बीते वर्ष शाराब घोटाला मामले में केजरीलाल को पूछताछ के लिए बुलाने से पहले राजकुमार के घर पर छापा मारा था. ईडी ने इस समय राजकुमार आनंद के आवास समेत 9 जगहों पर छापेमारी की थी. इस छापे को सीमा शुल्क मामले से भी जोड़कर देखा जा रहा था.
राजकुमार आनंद कौन हैं?
दरअसल, राज कुमार आनंद दिल्ली के समाज कल्याण मंत्री है वह दिल्ली विधान सभा के सदस्य हैं. वह पटेल नगर का प्रतिनिधित्व करते हैं. उनकी पत्नी वीणा आनंद भी इस सीट से विधायक रह चुकी हैं.
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