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Ambedkar Jayanti 2024: कुछ ऐसा था बाबा साहेब का जीवन, जानें उनसे जुड़े प्रेरणादायक तथ्य

Ambedkar Jayanti 2024: भारत के महान नेता और हमारे संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 में मध्य प्रदेश के महू में हुआ था.

Editor Ritam Hindi by Editor Ritam Hindi
Apr 14, 2024, 02:15 pm IST
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Ambedkar Jayanti 2024: भारत के महान नेता और हमारे संविधान निर्माता बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 में मध्य प्रदेश के महू में हुआ था. संविधान निर्माता बाबा साहेब महान व्यक्तिगत के साथ-साथ बड़े समाज सुधारक भी थे. आज यानी 14 अप्रैल को पूरा देश बाबा साहेब की 134वीं जयंती मना रहा है. आइए इस खास दिन पर बाबा साहेब के जीवन से जुड़े खास दिलचस्प तथ्यों के बारे में जानते हैं.

कुछ ऐसा रहा बाबा साहेब का बचपन

डॉ. बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्यप्रदेश के महू में एक दलित परिवार में हुआ था. अम्बेडकर के पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का नाम भीमबाई था. परंतु अंबेडकर जी ने एक ब्राह्मण शिक्षक के कहने पर अपने नाम से सकपाल हटाकर अंबेडकर जोड़ लिया था. उस दौरान भारत में जाति को लेकर बहुत विवाद हुआ करते थे. दलित होने के कारण उन्हें बचपन से बहुत ज्यादा भेदभाव का सामना करना पड़ा था. लेकिन बाबा भीम राव अंबेडकर शिक्षा में बेहद होशियार थे, उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में विदेशों में जाकर पढ़ाई की. बाबा साहेब ने लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से लॉ की पढ़ाई कर वापस भारत आकर वकालत किया. उन्होंने देश में दलित समुदाय के खिलाफ होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई. इतना ही नहीं भारत के संविधान बनाने में बाबा साहेब का बहुत बड़ा योगदान रहा था और वो आजाद भारत के पहले कानून मंत्री भी बनें. बाबा साहब को संविधान निर्माता भी कहा जाता है.

छूआछूत को लेकर किया जमकर विरोध

बाबा अंबेडकर ने वकालत की पढ़ाई पूरी करने के बाद भारत में आकर दलित समुदाय के खिलाफ आवाज उठाई थी. उन्होंने छूआछूत की कुरीतियों को खत्म करने के लिए कई सारे आंदोलन भी चलाए थे. उन्होंने 1920 के दशक से ही दलितों के लिए पृथक निर्वाचिता की मांग की थी. ब्रिटिश सरकार द्वारा मांग की मंजूरी मिलने के बावजूद उन्हें इसे गांधी जी की वजह से वापस लेना पड़ा था.

बाबा साहेब का राजनीतिक करियर

बाबा साहेब के रानीतिक करियर की बात करें तो उन्होंने उन्हें सबसे पहले 1935 में गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, बॉम्बे का प्रिंसिपल नियुक्त किया गया इसके बाद उन्होंने बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के रामजस कॉलेज के शासी निकाय के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. साल 1936 में बाबा साहेब ने इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी की स्थापना की. उनकी पार्टी ने 1937 में बॉम्बे चुनाव में 13 आरक्षित और 4 सामान्य सीटों के लिए केंद्रीय विधान सभा का चुनाव लड़ा जिसमें क्रमश: 11 और 3 सीटें हासिल हुईं.

1937 में उन्होंने बॉम्बे विधान सभा में सरकार और किसानों के बीच सीधा संबंध स्थापित करके खोती प्रणाली को समाप्त करने के उद्देश्य से एक विधेयक पेश किया. श्रम मंत्री के रूप में, उन्होंने रक्षा सलाहकार समिति और वायसराय की कार्यकारी परिषद में कार्य किया. बाद में बाबा साहेब का राजनीतिक दल अनुसूचित जाति महासंघ में तब्दील हो गया. इसके बाद 1946 में भारत की संविधान सभा के चुनावों में पार्टी का काफी खराब प्रदर्शन रहा. बाद में, बाब साहेब बंगाल की संविधान सभा के लिए चुने गए, जहाँ मुस्लिम लीग सत्ता में थी.

इसके बाद 1952 में बाबा साहेब ने बॉम्बे नॉर्थ के पहले भारतीय आम चुनाव में हिस्सा लिया लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. जिसके बाद वो राज्य सभा के सदस्य बने. इसके बाद 1954 में भंडारा से उन्होंने फिर से उपचुनाव में हिस्सा लिया लेकिन इस बार भी उन्हें लोकसभा जाने का मौका नहीं मिला. इसके बाद साल 1957 में दूसरे आम चुनाव के दौरान ही उनका निधन हो गया.

यह भी पढ़ें-Opinion- डॉ. आम्बेडकर: अपने जीवनकाल से भी ज्यादा आधुनिक काल में प्रभावी

Tags: Bhimrao Ramji AmbedkarAmbedkar Jayanti 2024Ambedkar Jayantibhimrao ambedkarbhimrao ambedkar jayanti
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