बुधवार (17 अप्रैल) को अयोध्या में रामलला का सूर्य की किरणों से महास्तकाभिषेक किया गया. इस दौरान की रामलला की मनमोहक छवी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं जिसको देखने के बाद से राम भक्त काफी ज्यादा खुश नजर आ रहे हैं.
#WATCH | ‘Surya Tilak’ illuminates Ram Lalla’s forehead at the Ram Janmabhoomi Temple in Ayodhya, on the occasion of Ram Navami.
(Source: DD) pic.twitter.com/rg8b9bpiqh
— ANI (@ANI) April 17, 2024
गौरलतब हो कि वैज्ञानिकों ने बीते करीब बीस वर्षों की पृथ्वी की गति के हिसाब से अयोध्या के आकाश में सूर्य की सटीक दिशा आदि का निर्धारण करके ऊपरी तल पर मिरर स्थापित करने की जगह और कोण तय किया. कुछ अलग करने की सोच का ही परिणाम है कि लंबे विमर्श के बाद रुड़की की सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च संस्थान के वैज्ञानिकों ने सूर्य तिलक की व्यवस्था करने का बीड़ा उठाया.
ट्रस्ट के एक पदाधिकारी ने बताया कि सूर्य रश्मियों को घुमा फिराकर राम लला के ललाट तक पहुंचाने में कहीं भी बिजली का प्रयोग नहीं किया गया. आप्टोमैकेनिकल सिस्टम के तहत उच्च गुणवत्ता वाले दर्पण और लेंस के साथ पीतल की वर्टिकल पाइपिंग की व्यवस्था की गई. सूर्य की किरणें ऊपरी तल के मिरर पर पड़ी, उसके बाद तीन लेंस से होती हुई दूसरे तल के मिरर पर आपतित हुई. अंत में सूर्य की किरणें राम लला के ललाट पर 75 मिलीमीटर के टीके के रूप में दैदीप्तिमान हुईं और लगभग चार मिनट तक टिकी रहीं. रामनवमी के अवसर पर विज्ञान एवं अध्यात्म का समन्वय देखकर राम भक्त काफी ज्यादा खुश हैं.
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