तमिलनाडु के कोयंबटूर सीट से चुनाव लड़ रहे भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने आरोप लगाया कि उनके निर्वाचन क्षेत्र के लगभग एक लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए. उन्होंने जिन क्षेत्रों के मतदाताओं के नाम गायब हैं, वहां फिर से मतदान की मांग की. अन्नामलाई ने संदेह जताते हुए कहा कि भाजपा मतदाताओं के नाम जानबूझकर मतदाता सूची से हटाए गए हैं.
उल्लेखनीय है कि कवुंडमपलयम में बालन नगर, शिव नगर और अशोक नगर पूर्व के लोगों के एक समूह को कथित तौर पर मतदान की अनुमति नहीं दी गई. लोगों ने आरोप लगाया कि उन्होंने मतदाता पहचान पत्र दिखाया लेकिन उन्हें बताया गया कि उनके नाम सूची से गायब हैं. जिसके बाद ऐसे लोगों ने भाजपा समर्थकों के साथ विरोध प्रदर्शन आरंभ कर दिया. सूचना मिलने पर अन्नामलाई ने बूथ का दौरा किया.
इस मामले में अन्नामलाई का कहना है कि कवुंडमपलयम में 1,350 लोगों वाले एक बूथ पर 830 नाम गायब थे. अधिकारियों को पता है कि वहां 70% मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं. एक ही बूथ से 60 फीसदी मतदाताओं को हटाने के बाद निष्पक्ष चुनाव कैसे हो सकता है. उन्होंने कहा कि मतदाताओं के नाम आमतौर पर अनुपस्थिति, स्थानांतरण या मृत्यु के आधार पर सूची से हटाए जाते हैं. लेकिन बड़े पैमाने पर जीवित लोगों के नाम हटाए गए हैं. उन्होंने दावा किया कि प्रत्येक बूथ से औसतन 20 नाम हटाए गए हैं. अन्नामलाई ने कहा कि जिला चुनाव रिटर्निंग अधिकारी और जिला चुनाव पर्यवेक्षक को उन क्षेत्रों की सूची देते हुए शिकायतें सौंपी गई है जहां मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं.
जिला कलेक्टर और चुनाव अधिकारी क्रांति कुमार पति ने किसी गड़बड़ी का खंडन करते हुए बताया कि अंतिम मतदाता सूची 2022 में अधिकारियों द्वारा किए गए घर-घर सत्यापन के आधार पर तैयार की गई थी. चुनाव से पहले हमें उनसे कोई शिकायत नहीं मिली और हम मतदान के दौरान कुछ नहीं कर सकते. यदि नामांकन की अंतिम तिथि से पहले इस मुद्दे को उजागर किया गया होता तो मतदाताओं को सूची में जोड़ा जा सकता है. पुनर्मतदान केवल उपलब्ध मतदाता सूची के आधार पर ही कराया जा सकता है.
हिन्दुस्थान समाचार
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