यमुना किनारे भगवान श्री कृष्ण जन्मस्थली से पहचाना जाने वाला मथुरा उत्तर प्रदेश की पश्चिमी सीमा पर स्थित है. इसके पूर्व में हाथरस, दक्षिण पूर्व में आगरा, उत्तर में अलीगढ़ और दक्षिण-पश्चिम में राजस्थान का जिला भरतपुर हैं. इस सीट को भारतीय जनता पार्टी का गढ़ माना जाता है. मधुरा संसदीय क्षेत्र की राजनीति में कांग्रेस, भाजपा और रालोद मुख्य पार्टियां हैं. यहां से बाहरी प्रत्याशी भी चुनाव जीत कर संसद पहुंचते हैं. इसमें हरियाणा के मनीराम बागड़ी, राजा महेंद्र प्रताप सिंह, एटा के साक्षी महराज, जयंत चौधरी और मुंबई की हेमा मालिनी का नाम भी शामिल है. वर्तमान में बीजेपी से हेमा मालिनी यहां से सांसद हैं. बीजेपी ने इन्हें दोबारा टिकट दिया है.
लोकसभा चुनाव 2024 में कौन है आमने-सामने?
लोकसभा चुनाव 2024 में फिर बीजेपी-रालोद गठबंधन में है. इस सीट पर बीजेपी ने हेमा मालिनी पर फिर भरोसा जताया है. उनके खिलाफ विपक्ष के इंडी गठबंधन की ओर से कांग्रेस के मुकेश धनगर चुनाव मैदान में हैं. बीएसपी ने सुरेश सिंह को टिकट दिया है. अब देखना ये होगा की कृष्ण भक्ति में लीन रहने वाली मथुरा फिर से भगवा पर अपना विश्वास जताती है या फिर वह किसी और पार्टी पर अपना भरोसा जताती हैं.
इस बार मुकाबला दिलचस्प
इंडी गठबंधन की ओर से प्रत्याशी मुकेश धनगर की बात करें तो वह धनगरों को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए संघर्ष करते रहे हैं. तो वहीं बसपा ने जाट समाज के सुरेश सिंह को महावत बनाकर भेजा है. वह रिटायर आइआरएस अधिकारी हैं. बसपा ने उन्हें चुनाव मैदान में उतार कर जाट मतदाता को साधने का प्रयास किया है. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार मथुरा एक ऐसा निर्वाचन क्षेत्र है जहां 35% से अधिक जाट मतदाता हैं. ऐसे में मथुरा के संसदीय क्षेत्र में इस बार मुकाबला दिलचस्प होने वाला है.
मथुरा की डेमोग्राफी
मथुरा में कुल 17 लाख 86 हजार 189 मतदाता हैं. वर्ष 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में मथुरा में कुल 15 लाख 66 हजार 921 मतदाता थे. अब 2.10 लाख मतदाता बढ़ गए हैं. ये शहर आगरा से दिल्ली की ओर और दिल्ली से आगरा की तरफ लगलभ 58 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम और 145 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में यमुना के किनारे राष्ट्रीय राजमार्ग 2 पर बसा है. प्रेम मंदिर वृन्दावन, जामा मस्जिद, शाही मस्जिद ईदगाह, दोला मोला घाट, मथुरा संग्रहालय, कृष्ण जन्म भूमि, इस्कॉन मंदिर, द्वारकाधीश मंदिर, जय गुरुदेव मंदिर यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं. यहां छाता, मांट, गोवर्धन, मथुरा और बलदेव समेत 5 विधानसभा सीटे हैं.
स्थानिय अहम मुद्दे
मथुरा में यमुना शुद्धिकरण, खारी पानी, पर्यटन, उद्योग प्रमुख स्थानीय मुद्दे हैं. यहां ताजा मामला जो कि अभी देश भर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है वो है कृष्ण जन्मभूमी का विवाद. मामला ये है कि जिस जगह भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था ठिक उसी से सटे एक मस्जिद खड़ी की गई है. हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष में ये विवाद छिड़ा हुआ है. फिलहाल ये मामला कोर्ट में है.
मथुरा का जातीय समीकरण
मथुरा लोकसभा उत्तर प्रदेश की जनरल सीट है. यहां एससी मतदाताओं की संख्या लगभग 35,6,266 है, जो 2011 जनगणना के अनुसार 19.8 प्रतिशत है. तो वहीं एसटी मतदाताओं की संख्या लगभग 1799 है जो इस क्षेत्र का 0.1 प्रतिशत है. यहां ग्रमिण मतदाताओं की संख्या लगभग 12,46,929 है. ये 2011 की जनगणना के अनुसार 69.3 प्रतिशत है. यहां 2019 के लोकसभा चुनाव के अनुसार लगभग 17,48,115 मतदाता हैं. इसमें पुरष मतदाता 95,4135 और महिला मतदाता 79,3750 हैं. 2019 के संसदीय चुनाव में यहां 60.7 प्रतिशत मतदाताओं ने वोटिंग किया था.
मथुरा में बदली तस्वीर
मथुरा में काफी विकास देखने को मिला. यहां चंडीगढ़-दिल्ली रोड की तरह विशाल ढाबे और शानदार रेस्त्रां खुल गए हैं. विकास की यह धारा अभी और तेज देखने को मिलेगी. वजह है कि यहां बांकेबिहारी के भव्य कारिडोर बनाने की तैयारी हो रही है. सीएम योगी का बयान जिसमें उन्होंने कहा, ‘अयोध्या तो बस झांकी है… काशी-मथुरा बाकी है’ इसमें काफी गहरे संदेश चुपे हैं जिस तरह अयोध्या में राम मंदिर के साथ विकास हुआ. उस तरह से मथुरा का भी विकास तय माना जा रहा है.
मथुरा का धर्मिक इतिहास
मथुरा एक ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में चर्चित है. लंबे समय से मथुरा प्राचीन भारतीय संस्कृति और सभ्यता का केंद्र रहा है. इसे श्रीकृष्ण जन्म भूमि के नाम से भी जाना जाता है. पौराणिक साहित्य में मथुरा को अनेक नामों से संबोधित किया गया है जैसे- शूरसेन नगरी, मधुपुरी, मधुनगरी आदी.
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव
वर्ष 2019 के चुनाव में बीजेपी ने यहां से हेमा मालिनी को दोबारा टिकट दिया था. और उन्होंने यहां से फिर चुनाव जीत कर सांसद बनी थी. उन्हें कुल मतदान में से 61% वोट यानी 671293 वोट प्राप्त हुए थे. उन्होंने राष्ट्रीय लोकदल के कुंवर नरेंद्र सिंह को 293471 वोटों के अंतर से हराया था. तो वहीं कांग्रेस ने इस दौरान अपने वोट प्रतिशत में वृद्धी करते हुए कुल 2.55% हासिल किए थे.
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव
वर्ष 2014 के चुनाव में बीजेपी ने यहां से हेमा मालिनी को टिकट दिया था. हेमा मालिनी पहली बार इस सीट पर सांसदी जीत कर संसद पहुंची थी. उन्हें 53.29 प्रतिशत वोट हासिल हुए थे. उन्होंने रालोद के मौजूदा सासंद जयन्त चौधरी को हराया था. हेमा मालिनी को 6,74,633 वोट मिले तो वहीं जयन्त चौधरी को 2,43,890 मिले थे. उस दौरान बसपा को 16.10% तो वहीं सपा को 3.40 प्रतिशत वोट मिले थे. आपको बता दें कि यहीं वो मौका था जब मथुरा सीट पर 2004 और 2009 में हारने के बाद इस बीजेपी अपनी पैठ दुबारा बनाने में कामयाब रही थी.
वर्ष 1952-2009 तक के लोकसभा चुनाव
वर्ष 1952 में पहले लोकसभा चुनाव मथुरा सीट पर स्वतंत्र प्रत्याशी राजा गिर्राज शरण सिंह ने जीत हासिल की तो वहीं 1957 के चुनाव में भी स्वतंत्र प्रत्याशी राजा महेंद्र प्रताप चुनाव लड़े और जीते. राजा गिर्राज शरण सिंह भरतपुर के शाही परिवार से आते थे तो वहीं राजा महेंद्र प्रताप एक स्वतंत्रता सेनानी थे. वर्ष 1962, 1967 और 1971 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इस सीट पर अपना कब्जा जमाए रखा. वर्ष 1962 और 1967 दोनों बार के चुनाव में चौधरी दिगंबर सिंह मथुरा और वर्ष 1971 चकलेश्वर सिंह विजयी रहे. 1977 और 1980 के चुनाव में जनता पार्टी का झंडा लहराया. 1977 में मनीराम बागरी और 1980 में चौधरी दिगंबर तीसरी बार मथुरा सीट से विजयी हुए. 1984 और 1989 में चुनाव दिलचस्प रहा इस दौरान किसी पार्टी का दबदबा न रहकर एक प्रत्याशी का प्रभाव इस लोकसभा सीट पर देखा गया. मानवेन्द्र सिंह पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में रहतक चुनाव जीते फिर जनता दल में शामिल हो गए और फिर वह सासंद चुने गए.
इसके बाद वर्ष 1991 में भारतीय जनता पार्टी से साक्षी महाराज फिर 1996 में चौधरी तेजवीर सिंह चुनाव जीते हालांकि केंद्र में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार गिरने के बाद 1998 में दोबारा चुनाव हुए केंद्र में अटल जी की सरकारी फिर बनी और चौधरी तेजवीर सिंह फिर चुने गए, सियासी उठा पठक के बाद 1999 में फिर चुनाव हुए अटल फिर प्रधानमंत्री बने और चौधरी तेजवीर सिंह इस सीट से तीसरी बार चुने गए. वर्ष 2004 में कांग्रेस के मानवेंद्र सिंह और वर्ष 2009 में बीजेपी-रालोद के गठबंधन से जयंत चौधरी मथुरा की सीट पर सांसद चुने गए. वर्ष 2014 और 2019 में बीजेपी से हेमा मालिनी भारी मतों से लोकसभा सांसद चुनी गईं.
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