अमेरिका को दूसरे देश के आतंरिक मामलों में टांग अड़ाने की आदत है. हाल ही में अमेरिका के विदेश विभाग ने मणिपुर को लेकर एक रिपोर्ट जारी किया था. जिसमें अमेरिका ने दावा किया था कि मणिपुर में जातीय हिंसा फैलने के बाद वहां व्यापक तौर पर मानवाधिकारों का हनन हुआ. हालांकि, भारत ने अमेरिका की इस रिपोर्ट को पूरी तरह से खारिज करते हुए पक्षपातपूर्ण बताया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने अमेरिका के उस रिपोर्ट को लेकर गुरुवार (25 अप्रैल) को प्रेसवार्ता में कहा, “यह रिपोर्ट बेहद पक्षपातपूर्ण है और यह भारत के प्रति उनकी खराब समझ को प्रदर्शित करता है. हम इसे बिल्कुल महत्व नहीं देते हैं और आपसे भी ऐसा ही करने का अनुरोध करते हैं.”
#WATCH | On the US State Department report on Human Rights, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "This report is deeply biased and reflects a poor understanding of India. We attach no value to it and urge you to do the same." pic.twitter.com/4XIHgnoswP
— ANI (@ANI) April 25, 2024
भारत ने अमेरिका को उसी के भाषा में दिया जवाब
इतना ही नहीं रणधीर जायसवाल ने प्रेसवार्ता के दौरान कोलंबिया समेत अमेरिका की कई यूनिवर्सिटियों में छात्रों के द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन पर भी प्रतिक्रिया दी. दरअसल, अमेरिका की कई यूनिवर्सिटियों में फिलिस्तीन के समर्थन में प्रदर्शन हो रहा है. जिसको लेकर सैकड़ों छात्रों को हिरासत में लिया गया है.
इसी को लेकर रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमने रिपोर्ट देखी हैं और संबंधित घटनाओं पर हम नजर बनाए हुए हैं. हर एक लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, जिम्मेदारी की भावना और सार्वजनिक सुरक्षा एवं व्यवस्था के बीच सही संतुलन होना चाहिए.”
#WATCH | On protests at Columbia University and other Universities in the US, MEA Spokesperson Randhir Jaiswal says, "We have seen reports on the matter and have been following related events. In every democracy, there has to be the right balance between freedom of expression,… pic.twitter.com/15ycFpQ6vl
— ANI (@ANI) April 25, 2024
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