Lok Sabha Elections 2024: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. ऐसे में इंदौर में भाजपा के सामने कांग्रेस की चुनौती खत्म हो गई है. इसके बाद अक्षय कांति बम ने भाजपा कार्यालय में उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली.
दरअसल, इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम सोमवार को कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया. इसके बाद वे कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक मेंदोला के साथ भाजपा कार्यालय पहुंचे और भाजपा की सदस्यता ली.
अक्षय कांति बम का कहना है कि नामांकन जमा करने के बाद से ही उन्हें पार्टी की ओर से कोई समर्थन नहीं मिल रहा था. इसी बीच अक्षय कांति बम की मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से एक होटल में मुलाकात हुई. इसके बाद भाजपा विधायक रमेश मेंदोला को अक्षय के साथ नामांकन फॉर्म वापस लेने के लिए भेजा गया, जबकि विजयवर्गीय खुद बाहर डटे रहे. इसके साथ ही अक्षय कांति बम के घर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है.
74 साल में पहली बार कांग्रेस मैदान में नहीं
कांग्रेस के अधिकृत उम्मीदवार अक्षय कांति बम के नामांकन वापस लेने के साथ अब इंदौर में भाजपा के सामने कांग्रेस की चुनौती भी खत्म हो गई है. यह इंदौर में अब तक हुए लोकसभा चुनाव के इतिहास में पहली बार है, जब कांग्रेस का कोई उम्मीदवार मैदान में नहीं होगा. इंदौर में 1951 से अब तक हुए लोकसभा चुनाव में 7 बार कांग्रेस ने तो 9 बार भाजपा ने चुनाव जीता है. एक-एक बार जनता पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी यहां चुनाव जीत चुकी है.
भाजपा ने इंदौर में पहला चुनाव 1989 में जीता था, जब सुमित्रा महाजन ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री रहे प्रकाश चंद्र सेठी को हराया था. इसके बाद इंदौर भाजपा का गढ़ बन गया और महाजन आठ बार इंदौर से सांसद रहीं. फिर पिछले 2019 में भाजपा ने शंकर लालवानी को उम्मीदवार बनाया, तब उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार को 5 लाख वोटों के अंतर से हराया था. इस बार भी भाजपा ने शंकर लालवानी को दोबारा मैदान में उतारा है.
यह भी पढ़ें-इंदौर में कांग्रेस को बड़ा झटका, प्रत्याशी ने वापस लिया नामांकन, जानिए अब आगे क्या होगा?
हिन्दुस्थान समाचार
कमेंट