काठमांडू: भारत सरकार ने नेपाल में लगभग 17 अरब रुपये की दो नई पाइप लाइन परियोजनाओं के निर्माण को हरी झंडी दे दी है. भारत से सीधे प्राकृतिक गैस तथा खाना पकाने वाली एलपीजी की पाइप लाइन निर्माण को लेकर भारतीय आयल कॉरपोरेशन (आईओसी) और नेपाल ऑयल निगम के अधिकारियों के बीच हुई बैठक में इस पर सहमति बनी है.
नेपाल ऑयल निगम के कार्यकारी निदेशक चण्डिका प्रसाद भट्ट के नेतृत्व में गई टीम की आईओसी के कार्यकारी निदेशक (आपूर्ति) संजय परासर सहित उच्च अधिकारियों की टीम से हुई मुलाकात के दौरान इसके डीपीआर को लेकर औपचारिक सहमति होने की जानकारी दी गई है. भट्ट ने बताया कि नेपाल तक गैस पाइपलाइन और एक टर्मिनल अनुदान में बनाए जाने को लेकर भारत के साथ सहमति बनी है. आईओसी के प्रतिनिधियों से हुई मुलाकात में पेट्रोलियम पाइपलाइन अनुदान में निर्माण का प्रस्ताव किया गया था, जिस पर आईओसी से सकारात्मक जवाब मिला है.
निगम के प्रवक्ता मनोज ठाकुर ने बताया कि आईओसी ने पेट्रोलियम पाइप लाइन के साथ विभाग के अन्य कामों और परियोजनाओं में सहायता प्रदान करने और पहल करने की प्रतिबद्धता जाहिर की है. पेट्रोलियम परियोजना के बारे में आईओसी और निगम की संयुक्त टीम अध्ययन कर चुकी है. इसके अनुसार दो पाइपलाइन और एक ग्रीनफील्ड टर्मिनल (भण्डारण गृह) बनाने में लगभग 17 अरब की लागत आएगी. ठाकुर के अनुसार लागत खर्च के अनुसार अमलेखगंज–चितवन पेट्रोलियम पाइपलाइन निर्माण में 420 करोड़, सिलीगुड़ी–झापा पेट्रोलियम पाइपलाइन निर्माण में 460 करोड़ रुपये और चाराली स्थित ग्रीनफील्ड टर्मिनल के निर्माण में 803 करोड़ रुपये के निवेश का अनुमान है.
हिन्दुस्थान समाचार
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