भारत ने बुधवार (1 मई) को ओडिशा के तट पर डॉ एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप से सुपरसोनिक मिसाइल असिस्टेड रिलीज ऑफ टॉरपीडो (स्मार्ट) प्रणाली का उड़ान परीक्षण किया, जो पूरी तरह सफल रहा. यह अगली पीढ़ी की हल्के वजन वाली टॉरपीडो डिलीवरी प्रणाली है, जिसे भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमता को डिजाइन और विकसित किया गया है.
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बुधवार सुबह लगभग 08.30 बजे हल्के टारपीडो की पारंपरिक सीमा से कहीं अधिक बढ़ाने के लिए परीक्षण किया है. इस कनस्तर आधारित मिसाइल प्रणाली में कई उन्नत उप-प्रणालियां शामिल हैं. इसमें दो चरणों वाली ठोस प्रणोदन प्रणाली, इलेक्ट्रो मैकेनिकल एक्चुएटर प्रणाली, सटीक जड़त्वीय नेविगेशन प्रणाली आदि हैं. यह प्रणाली पैराशूट आधारित रिलीज प्रणाली के साथ पेलोड के रूप में उन्नत हल्के वजन वाले टारपीडो को ले जाती है.
मिसाइल को ग्राउंड मोबाइल लॉन्चर से लॉन्च किया गया था. इस परीक्षण में इजेक्शन और वेग नियंत्रण जैसे कई अत्याधुनिक तंत्रों को मान्य किया गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ‘स्मार्ट’ के सफल उड़ान-परीक्षण पर डीआरडीओ और उद्योग भागीदारों को बधाई दी है. उन्होंने कहा कि इस प्रणाली के विकास से हमारी नौसेना की ताकत और बढ़ेगी. रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. समीर वी कामत ने पूरी स्मार्ट टीम के प्रयासों की सराहना करते हुए उत्कृष्टता के पथ पर आगे बढ़ने का आग्रह किया.
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हिन्दुस्थान समाचार
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