नई दिल्ली: दिल्ली में चुनावी प्रक्रिया शुरू होने के साथ-साथ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस में कलह बढ़ने लगी है. आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के फैसले से नाराज होकर नेता और कार्यकर्ता बाहर निकलते जा रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली के बाद कांग्रेस के दो पूर्व विधायक नसीब सिंह और नीरज बसोया ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है.
दोनों पूर्व विधायकों ने दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ पार्टी के गठबंधन और बाहरी उम्मीदवारों को टिकट देने पर नाराजगी जताई है. लवली के बाद देविन्दर सिंह को पार्टी का अंतरिम अध्यक्ष और कन्हैया कुमार को उम्मीदवार बनाया जाना भी इनकी नाराजगाी का कारण बताया जा रहा है.
पूर्व विधायक नसीब सिंह ने पार्टी से इस्तीफा देने के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि कांग्रेस ने देविंदर यादव को दिल्ली प्रदेश का प्रमुख नियुक्त किया है, जिन्होेंने एआईसीसी पंजाब प्रभारी के रूप में पंजाब में पूरी तरह से अरविंद केजरीवाल के झूठे एजेंडे के आधार पर अभियान चलाया. अब दिल्ली में उन्हें आआपा और पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल की प्रशंसा और समर्थन करने का दायित्व सौंपा गया. उन्होंने कहा कि वे इस घटनाक्रम से बेहद दुखी और अपमानित होकर वे पार्टी से इस्तीफा दे रहा हैं.
पूर्व विधायक पद से इस्तीफा देने पर नीरज बसोया ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे पत्र लिखकर आआपा के साथ गठबंधन काे पूरी तरह से गलत, अवास्तविक और अप्राकृतिक है. उसमें यह भी कहा है कि संविधान बचाने के नाम पर उन्होंने सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नष्ट कर दिया.
बसोया ने यह भी कहा कि 10 साल तक सभी दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चिल्लाते रहे कि वह (अरविंद केजरीवाल) धोखेबाज और भ्रष्ट हैं. इसके बाद गठबंधन किया गया. गठबंधन का आलम यह है कि आआपा कांग्रेस की गारंटी के बारे में बात नहीं कर रही है, केवल केजरीवाल के बारे में बात कर रही है. आआपा के किसी भी नेता ने गांधी परिवार या कांग्रेस नेताओं का कहीं उल्लेख नहीं किया.
हिन्दुस्थान समाचार
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