भोपाल: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे बुधवार को 41वें दिन भी जारी रहा. एएसआई के 12 अधिकारियों की टीम 31 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई. इस दौरान टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से काम किया. सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे.
एएसआई की टीम ने 41वें दिन दोपहर तक भोजशाला के गर्भगृह में सर्वे किया. पश्चिम दिशा में खुदाई के दौरान खंभे के अवशेष मिले हैं, जिसे सरक्षित किया गया है. इसमें हिंदू पक्ष द्वारा यह दावा किया गया है कि यह स्तंभ भोजशाला के भीतरी परिसर के स्तंभ का टूटा हुआ भाग है, क्योंकि यह उसी के समान दिख रहा है. इसकी एएसआई द्वारा जांच की जाएगी. वहीं भोजशाला के बाहरी परिसर में भी सर्वे हुआ. गर्भगृह के पीछे पश्चिम दिशा मिट्टी हटाने का काम हुआ है. वहीं दक्षिण दिशा में दीवार के यहां पर जो मिट्टी हटाई गई थी, वहां पत्थरों की पाल बनाई गई. चुनाव में ड्यूटी होने के कारण टीम में अधिकारियों की संख्या कम रही. कमाल मौलाना दरगाह परिसर में बुधवार को सर्वे नहीं हुआ.
सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि बुधवार को भोजशाला में क्लीनिंग, ब्रशिंग के साथ मिट्टी हटाने का काम हुआ है. गर्भगृह के पीछे दक्षिण-पश्चिम के कोने से खोदाई के दौरान एक स्तंभ का टुकड़ा मिला है. इसमें जो आकृति बनी है, वह भीतरी परिसर के स्तंभ के जैसी है. उन्होंने बताया कि भोजशाला में गर्भगृह में आठ पॉइंट बनाए गए थे, उसमें से जो दीवार निकली थी, उसकी लंबाई को बढ़ाया गया है. लगातार वहां से मिट्टी हटाया जा रहा है. गर्भगृह के सामने की ओर सात सेक्टर में काम जारी है. पहले हफ्ते में जीआरएस मशीन के आने की संभावना है.
वहीं, मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने कहा कि पीछे पश्चिम की तरफ खुदाई चालू की गई है, जहां पर दीवार की तीन लेयर निकली थी, वहां भी आज खुदाई की गई. दरगाह परिसर में आज भी सर्वे का काम बंद रहा. शिलालेखों को पढ़ने के लिए, समझने के लिए जो टीम आने वाली थी, वह नहीं आई. उन्होंने बताया कि कल जो साध्वी आई थी और अपने साथ मूर्ति लेकर पहुंची थी, उसको लेकर एएसआई को अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है. एएसआई के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने उनको अंदर जाने से रोका, लेकिन जब वह गेट से वहां तक चली गई तो उन्हें बाहर ही क्यों नहीं रोका गया. हमें एक डायरी पेन ले जाने से भी रोका जाता है.
हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा मुस्लिम पक्षकार की आपत्ति पर कहा कि सनातन धर्म का मंदिर है. अपने ही मंदिर में शर्तों पर आए तो यह ठीक नहीं है. ऐसे संतों की न तो जांच होना चाहिए, न उन्हें रोकना चाहिए. उन्होंने भी अपनी मर्यादा का पालन करते हुए संत ने भोजशाला में प्रवेश किया. ऐसी कोई नियम का उल्लंघन नहीं किया. वह भोजशाला के सत्याग्रह में सम्मिलित हुई है.
हिन्दुस्थान समाचार
कमेंट