पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार और उनके मानवाधिकारों का हनन बेहद आम बात है. अल्पसंख्यक हिन्दुओं का सम्मान के साथ वहां जीना मुहाल है. सबसे अधिक दुर्गति तो वहां के गरीब हिन्दू परिवारों की लड़कियों की होती है. ये बात दुनिया जानती है. पाकिस्तान की संसद में हिन्दू सांसद दानेश ने इस मुद्दे पर खुलकर बात की.
सीनेटर दानेश कुमार ने इस्लामिक देश पाकिस्तान में हिन्दुओं, सिखों के घरों की लड़कियों को जबरन कन्वर्ट करने की बढ़ती वारदातों की तरफ संसद का ध्यान खींचने की कोशिश की. उन्होंने अपने बयान में हिन्दू लड़कियों के जबरन मुसलमानों से निकाह कराए जाने जैसे मामलों का भी उल्लेख करते हुए सरकार से इस बारे में कार्रवाई करने की अपील की.
गौरतलब है कि ये कोई पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान की संसद में ये मुद्दा उठा हो. पाकिस्तान में हिन्दू दमन के मामले बंटवारे के समय से ही सामने आते रहे हैं. लेकिन पाकिस्तान हमेशा से इन आरोपों को अस्वीकार करते आया है. लेकिन सीनेटर दानेश कुमार ने जिस विस्तार से घटनाओं का उल्लेख किया, उससे यह विषय एक बार फिर चर्चा में आ गया है.
दानेश ने संसद में पड़ोसी देश के सिंध प्रांत की मुख्य रूप से चर्चा की जहां से आएदिन हिंदू लड़कियों को अगवा करके उनका धर्म परिवर्तन कर जबरन निकाह कराए जाने के समाचार सुनाई देते रहते हैं. सीनेट के एक सत्र में दानेश ने कहा कि हिंदुओं की बेटियां ऐसी समझ ली जाती हैं जिनको कोई भी लूट ले जा सकता है और उनको कन्वर्ट करके उनका निकाह करा सकता है. सिंध में इस प्रकार के मामले घटने की बजाय बढ़ते ही जा रहे हैं.
इस दौरान दानेश ने नाबालिग पूजा कुमारी का उदाहरण भी दिया. उन्होंने कहा कि पूजा को अगवा किए करीब दो साल हो गए हैं. इन मामलों में पुलिस भी इन मामलों में मजहबी उन्मादी तत्वों का ही पक्ष लेती दिखती है क्योंकि ऐसे तत्वों को स्थानीय मुस्लिम दबंगों की शह प्राप्त होती है.
दानेश का आरोप है कि हिंदू लड़कियों के जबरन अपहरण और धर्मांतरण में मुस्लिम समुदाय के दबंग और कट्अर मजहबी गुट के लोग शामिल होते है ये लोग हिन्दू लड़कियों को निशाने पर रखते हैं और मौका मिलते ही उसे अगवा कर लेते हैं. ऐसे अपराधी किस्म के लोगों और गुटों के सिर पर किसी बड़े नेता का हाथ होता है.
दानेश आगे बताते है कि हिन्दू लड़कियों को अगवा करने के बाद उन्हें कहीं छुपा दिया जाता है, यातनाएं दी जाती हैं, उन्हें डराया जाता है और मौका देखकर उनका कन्वर्जन करके इस्लाम कबूलवाया जाता है. इसके बाद उनकी किसी मुसलमान के साथ निकाह करा दी जाती है.
दानेश ने संसद को बताया कि किशोर उम्र की हिंदू बच्चियों के लिए बताया जाता है कि उन्होंने ‘अपनी इच्छा से कन्वर्ट होना स्वीकारा है’. अदालतों में झूठे बयानों और गवाहों के आधार पर ऐसा ही दिखाया जाता है और अपराधी मुक्त हो जाते हैं. संसद में दानेश ने तीखा सवाल किया कि क्या इस्लाम में इस बात की इजाजत है?
आपको बता दें कि ये मामले कोई नए नहीं हैं. कई बार अनेक वैश्विक संगठन पाकिस्तान में हिंदुओं के दमन के मामलों पर आपत्ति दर्ज कर चुके हैं. कई बार ये दुनिया के सामने आ चुका है कि जिन्ना के देश में अल्पसंख्यको का दमन किया जा रहा है. लेकिन आज तक पाकिस्तान की सरकारों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी.
अभी हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने भी पाकिस्तान में अल्पसंख्यक वर्गों की बच्चियों और लड़कियों की असुरक्षा का उल्लेख किया था और इसके लिए पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया था. अपनी रिपोर्ट में संयुक्त राष्ट्र ने साफ कहा था कि पाकिस्तान में हिंदू और ईसाई लड़कियों को अगवा, जबरन कन्वर्जन, मानव तस्करी, जबरन निकाह आदि का शिकार बनाया जा रहा है. सरकार कमजोर तथा नाबालिग बच्चियों की सुरक्षा करने में असफल साबित हुई है. कानून लागू करने वाले निकाय भी इस मामले में विफल रहे हैं.
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