भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की विदेशी शाखा ने गुरुवार को बैंक ऑफ नामीबिया (बीओएन) के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. ये समझौता नामीबिया के लिए एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) जैसी त्वरित भुगतान प्रणाली विकसित करने के लिए किया गया है.
एनपीसीआई ने एक बयान में बताया कि अफ्रीकी राष्ट्र में यूपीआई जैसी वास्तविक समय भुगतान प्रणाली विकसित करने के लिए बैंक ऑफ नामीबिया के साथ अपनी साझेदारी महत्वपूर्ण है. ये अंतरराष्ट्रीय बाजार में यूपीआई के लिए किसी केंद्रीय बैंक के साथ हमारा पहला सहयोग है. हम ‘मेड इन इंडिया’ तकनीक के साथ नामीबिया के नागरिकों की सहायता के लिए उत्साहित हैं. दोनों देशों के बीच हुए समझौते का उद्देश्य भारत की यूपीआई प्रौद्योगिकी और अनुभवों का लाभ उठाकर नामीबिया को अपने वित्तीय परिवेश तंत्र को आधुनिक बनाने में मदद करना है. इस समझौते में घरेलू तथा अंतरराष्ट्रीय भुगतान तंत्र के साथ पहुंच, सामर्थ्य व संपर्क और अंतर-संचालन में सुधार करना शामिल है.
इस मौके पर एनपीसीआई इंटरनेशनल के सीईओ रितेश शुक्ला ने कहा कि इस प्रौद्योगिकी को सक्षम करने से देश को डिजिटल भुगतान परिदृश्य में संप्रभुता प्राप्त होगी. इसके साथ ही बेहतर भुगतान अंतर-संचालन एवं वंचित आबादी के लिए बेहतर वित्तीय पहुंच से लाभ होगा.
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बैंक ऑफ नामीबिया के गवर्नर जोहान्स गवाक्सैब ने कहा कि हमारा मकसद वंचित आबादी के लिए पहुंच और सामर्थ्य को बढ़ाना है. उन्होंने कहा कि 2025 तक भुगतान साधनों की पूर्ण अंतर-संचालनीयता हासिल करना, वित्तीय क्षेत्र का आधुनिकीकरण करना और एक सुरक्षित एवं कुशल राष्ट्रीय भुगतान प्रणाली सुनिश्चित करना है.
हिन्दुस्थान समाचार
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