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Lok Sabha Election: झुमका नगरी बरेली में संतोष गंगवार ने रिकार्ड 8 बार खिलाया कमल, जानिए चुनावी इतिहास और सियासी समीकरण

भारत के संसदीय इतिहास में ऐसे नेताओं की गिनती कम ही है, जो आठ बार निर्वाचित होकर संसद पहुंचे हों. हर नई लोकसभा में लगभग आधे से ज्यादा सांसद बदल जाते हैं.

Editor Ritam Hindi by Editor Ritam Hindi
May 6, 2024, 11:39 am IST
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लखनऊ: भारत के संसदीय इतिहास में ऐसे नेताओं की गिनती कम ही है, जो आठ बार निर्वाचित होकर संसद पहुंचे हों. हर नई लोकसभा में लगभग आधे से ज्यादा सांसद बदल जाते हैं. उत्तर प्रदेश के संसदीय सीट बरेली पर भारतीय जनता पार्टी के नेता संतोष कुमार गंगवार के नाम आठ बार सांसद होने का गौरवशाली रिकार्ड दर्ज है. संतोष गंगवार का यह रिकार्ड इसलिए भी खास है क्योंकि उन्होंने एक ही सीट से आठ बार जीत दर्ज की है. बता दें, झुमका नगरी बरेली संसदीय सीट पर 7 मई को तीसरे चरण का मतदान होगा.

दो चुनाव हारे, आठ जीते

संतोष गंगवार ने अपना पहला संसदीय चुनाव सन 1981 में लड़ा पर वह इसमें हार गए. दरअसल, 1980 के मध्यावधि चुनाव में जनता पार्टी (सेक्यूलर) से मिसर यार खां जीते जरूर लेकिन लोकसभा में नहीं पहुंच सके और उनका निधन हो गया. फिर 1981 में उपचुनाव हुआ जिसमें पूर्व राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद की पत्नी बेगम आबिदा अहमद को कांग्रेस ने बाहर से लाकर यहां मैदान में उतारा. संतोष गंगवार ने भाजपा की टिकट पर यह चुनाव लड़ा मगर वो हार गए. 1984 में हुए आम चुनावों मे वह दोबारा हारे. इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी ने बेगम आबिदा अहमद ने उन्हें शिकस्त दी. आबिदा अहमद दो बार यहां चुनाव जीतीं और बाद में मुस्लिम वोटों के बिखराव के चलते भाजपा के संतोष गंगवार लगातार छह चुनाव जीते.

1989 की जीत के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा

वर्ष 1989 के लोकसभा चुनाव में आबिदा बेगम को संतोष गंगवार से हार का सामना करना पड़ा था. संतोष गंगवार को इस चुनाव में 1,59,502 मत मिले थे. आबिदा बेगम को 1,16,337 मतों से ही संतोष करना पड़ा था. उनकी हार के पीछे एक बड़ा कारण नबीरा-ए-आला हजरत मन्नानी मियां का चुनाव लड़ना भी माना जाता है. हालांकि, मन्नानी मियां 22,876 मत ही हासिल कर पाए मगर क्षेत्र में वह आबिदा बेगम के खिलाफ माहौल बनाने में कामयाब रहे थे. दरगाह परिवार से जुड़े व्यक्ति के चुनाव लड़ने की वजह से बड़ी संख्या में मुसलमानों ने आबिदा बेगम को वोट नहीं दिया था. इस हार के बाद आबिदा बेगम सियासी फलक से भी गायब हो गई थीं.

इसके बाद वर्ष 1991, 1996, 1998, 1999, 2004 में वह लगातार लोकसभा चुनाव जीतते रहे. वर्ष 2009 में उन्हें दूसरी बार हार का सामना करना पड़ा. उस वक्त उन्हें तत्कालीन कांग्रेस प्रत्याशी प्रवीण ऐरन ने शिकस्त दी. इसके बाद वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में उनकी दोबारा जीत हुई. फिर वर्ष 2019 के चुनाव में भी उन्हें जीत मिली. संतोष गंगवार उप्र भोजीपुरा विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़ चुके हैं.

विधानसभा चुनाव भी लड़ा

संतोष गंगवार ने 1980 के विधानसभा चुनाव में भोजीपुरा से चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में भोजीपुरा सीट से कांग्रेस के भानु प्रताप सिंह को 21486, जबकि संतोष गंगवार को 12095 वोट मिले थे. वह करीब नौ हजार वोट के अंतर से चुनाव हार गए थे. मगर, हौसला नहीं हारे थे.

संभाल चुके हैं बड़ी जिम्मेदारी

13वीं लोकसभा में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व में बनी सरकार में वह पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री के साथ-साथ संसदीय कार्य राज्य मंत्री का पदभार भी संभाला. इसके अलावा वह विज्ञान एवं तकनीकि राज्यमंत्री भी रह चुके हैं. 14वीं लोकसभा में भी राजग सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री रहे थे. पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार में कैबिनेट राज्य मंत्री, (स्वतंत्र प्रभार), कपड़ा मंत्रालय, संसदीय कार्य राज्य मंत्री, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा कायाकल्प बनाया गया. उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), श्रम और रोजगार मंत्रालय नियुक्त किया गया. 2016 में केंद्रीय राज्य मंत्री, वित्त मंत्रालय नियुक्त किया गया.

2024 का चुनाव

18वीं लोकसभा के चुनाव में भाजपा ने संतोष कुमार गंगवार की जगह बरेली संसदीय सीट से छत्रपाल सिंह गंगवार को मैदान में उतारा है. छत्रपाल के मुकाबला समाजवादी पार्टी के प्रवीण सिंह ऐरन से है. बसपा ने भी यहां से गंगवार प्रत्याशी मैदान में उतारा था जिससे यहां चुनावी मुक़ाबला दिलचस्प हो गया था, लेकिन पर्चा ख़ारिज होने के बाद अब परिस्थितियां बदल गई हैं. छत्रपाल के कंधों पर भाजपा का यह गढ़ बचाने और नौंवी जीत की भारी जिम्मेदारी है.

हिन्दुस्थान समाचार

Tags: Santosh GangwarLok Sabha Election 2024Lok Sabha ElectionBareilly
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