नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को सैम पित्रोदा की हालिया टिप्पणी के लिए उनकी कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि देश चमड़ी के रंग के आधार पर भेदभाव स्वीकार नहीं करेगा.
तेलंगाना के वारंगल में दूसरी जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं भारतीयों के अपमान को बर्दाश्त नहीं करूंगा. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिये बिना कटाक्ष करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि मुझे पता चला कि अमेरिका में एक अंकल हैं जो ‘शहजादे’ के दार्शनिक मार्गदर्शक हैं और क्रिकेट में तीसरे अंपायर की तरह यह ‘शहजादा’ भी उनसे सलाह लेता है. इस दार्शनिक अंकल ने कहा कि जिनकी चमड़ी काली है वे अफ्रीका से हैं. इसका मतलब है कि आप देश में अनेक लोगों को उनकी चमड़ी के रंग के आधार पर गाली दे रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के विरोध को लेकर विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि शहजादे के अमेरिका में रहने वाले गाइड और फिलॉस्फर ने आज बड़ा रहस्य खोला है. उसने कहा है कि जिनकी चमड़ी का रंग काला होता है, ये सब अफ्रीका के हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि आज स्पष्ट हो गया कि कांग्रेस राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की चमड़ी के रंग का हवाला देकर उनका अपमान क्यों करती रहती है. उन्होंने मान लिया कि द्रौपदी मुर्मू भी अफ्रीकन हैं और इसलिए उन्हें हराना चाहिए.
मोदी ने कहा कि मैं आज एक गंभीर सवाल पूछना चाहता हूं. मुझे आज बहुत गुस्सा आ रहा है, अगर कोई मुझे गाली देता है तो मैं सह सकता हूं लेकिन शहजादे’ के इस दार्शनिक ने इतनी बड़ी गाली दी है जिसने मुझे गुस्से से भर दिया है. उन्होंने सवाल किया कि क्या देश के लोगों की क्षमता चमड़ी के रंग से तय होगी? शहजादे को यह अधिकार किसने दिया? संविधान को सिर पर रखकर नाचने वाले लोग इस आधार पर मेरे देशवासियों का अपमान कर रहे हैं.
प्रधानमंत्री ने राहुल गांधी और सैम पित्रोदा को उनकी विभाजनकारी टिप्पणी के लिए चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसा बयान हमारे राष्ट्र की एकता को नुकसान पहुंचा सकता है. उन्होंने कहा कि मैं पुष्टि करता हूं कि हम सभी भगवान श्री कृष्ण के बच्चे हैं, और जाति या पंथ की परवाह किए बिना हम सभी समान हैं.
प्रधानमंत्री ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि वारंगल मेरे दिल में और भाजपा की यात्रा में एक विशेष स्थान रखता है. 40 साल पहले जब भाजपा के केवल दो सांसद थे, उनमें से एक हनमकोंडा से थे. उन्होंने कहा कि हम आपका आशीर्वाद और स्नेह कभी नहीं भूल सकते. जब भी हमें कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, वारंगल के लोगों ने हमेशा हमारा समर्थन किया है.
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हिन्दुस्थान समाचार
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