बहुजन समाज पार्टी सुर्खियों में है. इस बार सुर्खियों की वजह है बीएसपी सुप्रीमों मायावती के भतीजे आकाश आनंद. जो सिर्फ पांच महीने ही पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक के पद पर रह पाए. आकाश आनंद को बीते वर्ष दिसंबर में लखनऊ में हुए बीएसपी पदाधिकारियों के सम्मेलन में मायावती ने अपना उत्तराधिकारी घोषित किया था.
इस दौरान उन्होंने आकाश आनंद को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड से दूर रखने का भी फैसला लिया था. इसके बावजूद भी लोकसभा चुनाव आने पर आकाश आनंद ने बीएसपी की जनसभाओं की शुरुआत पश्चमी उत्तर प्रदेश के नगीना सीट से की. इस जनसभा में आनंद ने आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष एवं नगीना के प्रत्याशी चंद्रशेखर आजाद रावण पर जमकर हमला बोला.
इससे पहले मायावती ने कभी भी चंद्रशेखर रावण को भाव नहीं दिया, उन्हें पता है कि आजाद समाज पार्टी का मुखिया किसी भी तरह से चर्चा में आकर बीएसपी का वोट हथियाना चाहता है. इतना ही नहीं चंद्रशेखर रावण पहले भी कई बार मायावती की तारीफ कर चुके हैं. और तो और सितंबर 2018 में चंद्रशेखर ने मायावती को अपनी बुआ बताया और उनसे खून का रिश्ता भी होने की बात कही. लेकिन इस पर मायावती ने उस दौरान पलटवार करते हुए कहा था कि चंद्रशेखर आजाद रावण से उनका कोई रिश्ता नहीं है, वो सिर्फ अपने फायदे के लिए रिश्ते गांठ रहे हैं. बीएसपी चीफ का मानना रहा है कि चंद्रशेखर आजाद रावण की बुराई करना भी उसे राजनीतिक रूप से फायदा पहुंचाने जैसा ही है. अब ऐसे में आकाश आनंद का आजाद समाज पार्टी के प्रमुख पर हमला बोलना माायावती को कतई रास नहीं आया.
इतना ही नहीं अप्रैल के अंतिम सप्ताह में आकाश आनंद ने सीतापुर में जनसभा के दौरान बीजेपी नेताओं की तुलना आतंकवादियों से की. यूपी की योगी सरकार को आतंकियों की सरकार कहा, साथ ही उन्हें जूतों से मारने की बात भी कही. आकाश आनंद के इस विवादित भाषण के बाद उनके खिलाफ मुकदमा भी दर्ज हुआ था, जिसमें पार्टी के तीन प्रत्याशियों को भी नामजद किया गया. बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इसे बेहद गंभीरता से लेते हुए आकाश आनंद की रैलियों के आयोजन पर बैन लगा दिया.
बात यहीं नहीं रुकी बीएसी के सूत्रों की मानें तो इसके बावजूद भी आनंद ने दिल्ली में रहकर लगातार प्रचार-प्रसार किया. उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों समेत और भी बीएसपी से जुड़े लोगों से संपर्क कर चुनाव प्रचार जारी रखा. इतना ही नहीं आकाश आनंद ने मायावती से बिना चर्चा किये ही मीडिया को अपने इंटरव्यूज भी दिए. जिसमें उन्होंने उन मुद्दों को भी उठाया जिनसे मायावती दूरी बनाकर रखती थीं.
ऐसे हालात में मायावती ने कड़ा कदम उठाते हुए अपने उत्तराधिकारी पर ही गाज गिराकर बड़ा संदेश देने की कोशिश की है.
बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर बयान जारी करके आकाश आनंद को राष्ट्रीय संयोजक के पद और अपने उत्तराधिकारी की जिम्मेदारी से हटाने की घोषणा की है. हालांकि मायावती ने आकाश आनंद को हटाने के पीछे राजनीतिक अपरिपक्वता बताई है.
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