सैम पित्रोदा ने इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. पित्रोदा ने बुधवार (8 मई) को इस्तीफा दिया जिसको पार्टी से स्वीकार भी कर लिया है. इस्तीफे की वजह रंगभेद वाली वीडियो बताई जा रही है. उनके रंगभेद वाले बयान के वजह से पुरे देश में सियासी घमासान घमासान छिड़ गया है.
बीजेपी लगातार कांग्रेस पर हमला कर रही है और कांग्रेस मुसीबत में नजर है. लेकिन आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं है कि सैम पित्रोदा की वजह से कांग्रेस को बैकफुट पर आना पड़ा है. इससे पहले भी कई बार पित्रोदा के बयानों की वजह से कांग्रेस को मुसिबतों का सामना करना पड़ा है. आगे हम आपको सैम पित्रोदा के उन 5 बयानों के बारे में बताने वाले हैं जिसकी वजह से देश की राजनीतिक में जमकर हंगामा देखने को मिला था.
विरासत कर वाला बयान
रंगभेद से पहले सैम पित्रोदा ने विरासत कर (संपत्ति के बंटवारे) को लेकर बयानबाजी की थी. जिसके बाद से पूरे देश की राजनीति में घमासान मच गया था. पित्रोदा के विरासत कर के बयान के बाद से बीजेपी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला था.
राम मंदिर को लेकर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
सैम पित्रोदा ने पिछले साल जून में राम मंदिर को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी जिसके बाद से काफी ज्यादा बवाल हुआ था. दरअसल, सैम पित्रोदा ने कहा था कहा था कि बेरोजगारी, मुद्रास्फीति, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान मंदिर से नहीं होगा. उनकी इस टिप्पणी के बाद से बीजेपी ने कांग्रेस को जमकर आड़े हाथों लिया था.
1984 के सिख विरोधी दंगों पर भी किया था बयानबाजी
साल 2019 में सैम पित्रोदा ने 1994 के सिख विरोधी दंगों को लेकर भी विवादित बयान दिया था. दरअसल, जब उनसे सिख विरोधी दंगों को लेकर सवाल किया गया था तो उन्होंने कहा था कि, ‘हुआ तो हुआ’ अर्थात् उनका मतलब था कि ‘तो क्या हुआ’. पित्रोदा के इस बयान के बाद से भी काफी ज्यादा विवाद हुआ था.
बालाकोट एयर स्ट्राइक को लेकर भी उठाए थे सवाल
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के खिलाफ भारत ने बालकोट में एयर स्ट्राइक किया था जिसको लेकर सैम पित्रोदा ने सवाल उठाए थे. उन्होंने समाचार एजेंसी ANI को एक इंटरव्यू दिया था और बालाकोट एयर स्ट्राइक में मारे गए आंतकियों की संख्या को लेकर सवाल करते हुए कहा था कि उन्हें इसके बारे में और अधिक जानकारी चाहिए. उनके इस बयान पीएम मोदी ने पलटवार करते हुए कांग्रेस पर हमला बोला था.
संविधान में अंबेडकर से ज्यादा नेहरू का योगदान- पित्रोदा
सैम पित्रोदा ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में एक बार दावा किया था कि संविधान के निर्माण में बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर से ज्यादा और महत्वपूर्ण योगदान जवाहरलाल नेहरू ने दिया था. उनके इस बयान को लेकर भी काफी ज्यादा विवाद हुआ था.
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