नई दिल्ली: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने लैंड फॉर जॉब मामले में अंतिम चार्जशीट दाखिल करने के लिए सीबीआई को समय दे दिया है. स्पेशल जज विशाल गोगने ने 29 मई तक चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया.
सुनवाई के दौरान गुरुवार को सीबीआई की ओर से पेश वकील डीपी सिंह ने कहा कि चार्जशीट लगभग तैयार है और चार्जशीट को दाखिल करने में 15 से 20 दिन का समय लग सकता है. उसके बाद कोर्ट ने 29 मई तक चार्जशीट दाखिल करने का निर्देश दिया.
तीस अप्रैल को कोर्ट ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने में देरी करने पर सीबीआई को फटकार लगाई थी. सीबीआई की ओर से पेश वकील डीपी सिंह ने कहा कि अंतिम चार्जशीट करीब-करीब पूरी हो चुकी है लेकिन कुछ कानूनी सवालों पर सीबीआई के अधिकारी आंतरिक चर्चा कर रहे हैं. इस पर कोर्ट ने कहा कि जांच एजेंसी तीन महीने से अंतिम चार्जशीट के लिए समय ले रही है. अंतिम चार्जशीट दाखिल नहीं होने की वजह से ट्रायल शुरू नहीं हो रहा है. कोर्ट में कार्यवाही ठप पड़ी हुई है. कई आरोपितों की विभिन्न अर्जियां लंबित हैं. उसके बाद कोर्ट ने इस मामले के जांच अधिकारी बिकास चंद्र चौरसिया और सीबीआई के एसपी निपुण गुप्ता को केस डायरी के साथ अगली तिथि को पेश होने का आदेश दिया था.
आज इस मामले के आरोपितों लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पेश नहीं हुए. उन्होंने आज कोर्ट में पेशी से छूट की मांग की, जिसे कोर्ट ने मंजूर कर लिया. सीबीआई ने 6 मार्च को इस मामले में तीसरी पूरक चार्जशीट दाखिल की थी. सीबीआई ने पूरक चार्जशीट में भोला यादव को नौकरी पाने वाले दो अभ्यर्थियों अशोक कुमार और बबीता को आरोपित बनाया है. पूरक चार्जशीट में कहा गया है कि भोला यादव लालू यादव के सचिव रह चुके हैं और वही सभी काम देखते थे. भोला यादव ही अफसरों को निर्देश देते थे.
लैंड फॉर जॉब घोटाला लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है. भोला यादव को ही इस घोटाले का मास्टरमाइंड माना जा रहा है. आरोप है कि लालू यादव के रेल मंत्री रहते नौकरी के बदले जमीन देने के लिए कहा जाता था. नौकरी के बदले जमीन देने के काम को अंजाम देने का काम भोला यादव को सौंपा गया था. भोला यादव 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में बहादुरपुर सीट से विधायक चुने गए थे. उल्लेखनीय है कि सीबीआई ने मई 2023 में इस मामले में लालू यादव के परिजनों से जुड़े 17 ठिकानों पर छापेमारी की थी.
हिन्दुस्थान समाचार
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