मई के महीना शेयर बाजार के निवेशकों के लिए भूचाल लेकर आया है. इस महीने शेयर बाजार में बड़ी गिरावट देखने को मिल चुकी है. बांबे स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख इंडेक्स सेंसेक्स 2 मई के बाद से 2000 प्वाइंट से ज्याया नीचे गिर चुका है. गुरुवार को भी बीएसई सेंसेक्स 1062.22 अंक टूटकर बंद हुआ. वहीं दूसरी ओर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी 2 मई से अब तक करीब 650 पॉइंट से ज्यादा लुढ़क चुका है. गुरुवार को निफ्टी 50 भी 345 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ. जिसकी वजह से निवेशकों को 7.35 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान झेलना पड़ रहा है.
अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि आखिर शेयर बाजार में गिरावट देखने को क्यों मिल रही है. इसके प्रमुख कारण क्या हैं? मार्केट के विशेषज्ञों की मानें तो मौजूदा समय में चल रहे लोकसभा चुनाव, एफआईआई की बिकवाली, अमेरिकी डॉलर में उछाल, अमेरिकी फेड के रुख वजह से ट्रेजरी यील्ड में इजाफा, चौथी तिमाही के उम्मीद से खराब परिणाम और भारत VIX इंडेक्स में इजाफा इसके प्रमुख कारण हैं. आइए जरा इन कारणों पर विस्तार से चर्चा करते हैं.
इन 5 कारणों से गिर रहा शेयर बाजार
लोकसभा चुनाव
जानकारों की मानें तो भारतीय शेयर बाजार ने पहले ही लोकसभा चुनावों में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की जीत को कम कर दिया है. जिसकी वजह से शेयर बाजार में समय से पहले मुनाफावसूली शुरू हो गई है. ये बिकवाली केवल फ्रंटलाइन लार्ज-कैप शेयरों में ही दिखाई दे रही है. गुरुवार को स्मॉल-कैप और मिड-कैप इंडेक्स में तेजी आई और उन्होंने फ्रंटलाइन इंडेक्स को पछाड़ दिया है.
विदेशी निवेशकों की बिकवाली
प्रॉफिटमार्ट सिक्योरिटीज के अविनाश गोरक्षकर ने मीडिया से वार्ता में कहा कि एफआईआई इस महीने भारी बिकवाली कर रहे हैं. मई 2024 में गुरुवार तक कैश सेगमेंट से एफआईआई 15,863 करोड़ रुपए बेच चुके हैं. जबकि फ्यूचर एंड ऑप्शन (एफएंडओ) सेगमेंट में वह 5,292 करोड़ रुपए निकाल चुके हैं.
उम्मीद से खराब चौथी तिमाही के नतीजे
मीडिया रिपोर्ट में सौरभ जैन कहते हैं कि वित्त वर्ष 2024 के चौथी तिमाही के नतीजे जिस तरीके के आने चाहिए थे. वो देखने को नहीं मिले हैं. इसका असर शेयर बाजार में देखने को मिल रहा है. अगले एक हफ्ते तिमाही नतीजों का मौसम भी खत्म होने वाला है. उससे पहले निवेशकों की ओर से मुनाफा वसूली की जा रही है.
यूएस फेड का हॉकिश
एसएमसी ग्लोबल सिक्योरिटीज के सौरभ जैन ने मीडिया रिपोर्ट में कहा कि हाल ही में कुछ यूएस फेड अधिकारियों की हॉकिश बातों ने भारतीय शेयरों पर अतिरिक्त दबाव डाला है. इस महीने की शुरुआत में कुछ मुनाफावसूली देखने के बाद, इस तरह के बयानों की वजह से अमेरिकी डॉलर में तेजी देखने को मिली है. जिसकी वजह से यूएस ट्रेजरी यील्ड में बढ़ोतरी देखी गई है.
VIX इंडेक्स में तेजी
VIX इंडेक्स में लगातार इजाफे ने नए खरीदारों के बीच भी संदेह पैदा कर दिया है, जो मौजूदा अस्थिर बाजार में पैसा लगाने से कतरा रहे हैं. अविनाश गोरक्षकर का कहा कि भारत VIX इंडेक्स में लोकसभा चुनावों के दौरान चढ़ने का इतिहास रहा है. अभी आम चुनाव 2024 के बीच में हैं, जैसे-जैसे हम चुनाव नतीजों की तारीख के करीब आएंगे, अस्थिरता और बढ़ने की उम्मीद है.
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